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शिमला, 25 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन के निदेशक देशराज को राज्य सरकार ने चार महीने के निलंबन के बाद फिर से बहाल कर दिया है। वे इस समय सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर हैं। देशराज को हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। खास बात यह है कि यह नियुक्ति उस मामले में हुई है, जिसमें पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी और इसी मामले में देशराज पर प्रताड़ना के आरोप लगे थे।
बता दें कि 10 मार्च को चीफ इंजीनियर विमल नेगी रहस्यमय हालात में लापता हो गए थे और करीब आठ दिन बाद 18 मार्च को उनकी लाश बिलासपुर की गोविंद सागर झील से बरामद हुई थी। नेगी के परिजनों ने देशराज और कोर्पोरेशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी और सरकार ने देशराज को निलंबित कर दिया था। अब यह मामला हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच के अधीन है और सीबीआई देशराज से पूछताछ भी कर चुकी है।
सरकार द्वारा देशराज की बहाली के फैसले से सबसे ज्यादा आहत नेगी परिवार हुआ है। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब जांच अभी जारी है तो जमानत पर चल रहे आरोपी को वापस पद पर बहाल करना जांच को प्रभावित कर सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ की भी आशंका बढ़ा सकता है। किरण ने कहा कि जिस अधिकारी पर प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप हैं, उसकी बहाली से सरकार आखिर क्या संदेश देना चाहती है? उन्होंने याद दिलाया कि हादसे के बाद मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों ने उनके परिवार से सहानुभूति जताई थी, लेकिन अब यह निर्णय उस सहानुभूति को झूठा साबित कर रहा है। किरण ने यह भी कहा कि सरकार ने देशराज को केवल तब निलंबित किया था, जब परिवार और सहयोगियों को मजबूरी में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा था।
वहीं, विपक्ष दल भाजपा ने भी सरकार के इस कदम पर कड़ा ऐतराज जताया है। वन निगम के पूर्व अध्यक्ष और किन्नौर से भाजपा प्रत्याशी रहे सूरत नेगी ने आरोप लगाया कि सरकार आरोपियों को बचा रही है और न्याय की मांग करने वालों पर ही कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिखावे के लिए एफआईआर तो कर दी, लेकिन जब देशराज की जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज हुई, तो सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए वकील तक नियुक्त नहीं किया, जिससे उन्हें आसानी से अग्रिम जमानत मिल गई।
सूरत नेगी ने कहा कि सरकार पहले ही अन्य आरोपियों को भी महत्त्वपूर्ण पदों पर तैनात कर चुकी है और अब निलंबित निदेशक देशराज को भी फिर से बहाल कर दिया गया है। दूसरी ओर बिजली बोर्ड के वे कर्मचारी और इंजीनियर, जो विमल नेगी को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठा रहे थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने देशराज की अंतरिम जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी है। वहीं नेगी परिवार और विपक्ष दोनों का कहना है कि जांच पूरी होने से पहले आरोपी अधिकारियों को बहाल करना न्याय प्रक्रिया पर सीधा असर डाल सकता है और इससे पीड़ित परिवार का भरोसा भी टूटता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा