वाराणसी : कलाबत्तू (जरी) उद्योग को वस्त्र उद्योग की श्रेणी में लाने की मांग, मंत्री को सौंपा ज्ञापन
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वाराणसी, 25 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से काशी जरी कारीगर कल्याण समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कलाबत्तू (जरी) उद्योग को वस्त्र उद्योग की श्रेणी में लाने की मांग की है। समिति के पदाधिकारी श्याम सुन्दर जायसवाल, ओमप्रकाश एवं अंजनी कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति का एक प्रतिनिधि मण्डल अपनी मांगों को लेकर विगत दिनों प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र राजयसवाल के साथ प्रदेश के कपड़ा मंत्री राकेश सचान से मिला। मंत्री सचान काे मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।

समिति ने कपड़ा मंत्री से जरी उद्योग को वस्त्र उद्योग के साथ जोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे जरी उद्योग के विकास को और गति मिलेगी। ज्ञापन के माध्यम से प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि वाराणसी मण्डल में विगत 400 वर्षों से बनारसी ब्रोकेड का कार्य होता रहा है, परन्तु वर्तमान में कलाबत्तू निर्माण की प्रक्रिया अत्यधिक चलन में है। यह जरी का ही एक प्रकार है। अन्य प्रकारों से अलग यह धागा का रूप लिये रहता है। इसका निर्माण अत्यन्त पेचिदगियों से भरा एवं श्रमसाध्य है। वर्तमान में कलाबत्तू (जरी) ही बनारसी ब्रोकेड का प्रधान अंग है। कलाबत्तू (जरी) उद्योग में हम निर्माण के अनेकों प्रक्रिया से गुजरते हैं जिसमें अलग-अलग तरह की मशीन और हाथ के कौशल की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में सुविधा तकनीकी का ज्ञान एवं विकसित मशीनों के अभाव में यह उद्योग लगातार पिछड़ रहा है। प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि वर्तमान में जरी उद्योग को अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना का लाभ मिल रहा है परन्तु मात्र विद्युत बिल में सब्सिडी हमारे उद्योग के विकास का कोई समाधान नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी