शिमला : केएनएच और आईजीएमसी अस्पतालों में लापरवाही के आरोपों के बीच दो महिलाओं की मौत, परिजनों में आक्रोश, जांच के आदेश
शिमला : केएनएच और आईजीएमसी अस्पतालों में लापरवाही के आरोपों के बीच दो महिलाओं की मौत, परिजनों में आक्रोश, जांच के आदेश


शिमला, 25 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के दो प्रमुख अस्पतालों में एक ही दिन दो महिलाओं की मौत के मामलों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य के एकमात्र मातृ शिशु अस्पताल कमला नेहरू (केएनएच) में डिलीवरी के एक दिन बाद 27 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत के बाद परिजनों ने समय पर इलाज न देने के आरोप लगाए हैं। केएनएच अस्पताल में हुई महिला की मौत मामले में अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं आईजीएमसी प्रशासन ने बुजुर्ग महिला की मौत की वजह ह्रदयघात व ब्लड कैंसर बताई है।

डिलीवरी के अगले ही दिन चली गई जान

शिमला के फागू की गढ़ावग गांव की रहने वाली अर्चना शर्मा ने गुरुवार सुबह 11:30 बजे केएनएच अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए एक बेटे को जन्म दिया था। परिजनों के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 8:30 बजे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए कि डिलीवरी के अगले ही दिन नर्सों ने उसे जबरदस्ती पैदल चलकर दूसरे कमरे में शिफ्ट करने को कहा। सीजेरियन के बाद अर्चना को चलने में दिक्कत थी, लेकिन उसे जबरन बेड से उठाने की कोशिश की गई। इसी दौरान अर्चना को चक्कर आए, ब्लीडिंग शुरू हुई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। मृतका के घर पर पहले से चार साल की बेटी भी है। शोकाकुल परिजनों ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों और नर्सों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

अस्पताल प्रशासन की सफाई और जांच के आदेश

केएनएच अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सुंदर सिंह नेगी ने कहा कि महिला सुबह तक बिल्कुल ठीक थी। रूटीन में उसे दूसरे कमरे में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी अचानक तबीयत बिगड़ी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। नेगी ने बताया कि मौत के सही कारणों की जांच के लिए इंटरनल इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं और तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।

आईजीएमसी में भी लापरवाही के आरोप

वहीं शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में भी एक 72 वर्षीय महिला की मौत के मामले ने तूल पकड़ा है। मृतक महिला के बेटे लीलाधर ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज से रेफर होकर आई मां को समय पर इलाज नहीं दिया गया। परिजन का दावा है कि करीब एक घंटे तक इंतजार कराने के बाद भी उचित उपचार शुरू नहीं किया गया, जिससे महिला की मौत हो गई।

वहीं, आईजीएमसी प्रशासन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि महिला को ब्लड कैंसर और लीवर में सूजन थी। अस्पताल पहुंचते ही जरूरी जांच कर उपचार शुरू किया गया, लेकिन महिला को हृदयाघात आ गया। बाद में महिला को गंभीर स्थिति में सीसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां सुबह 7:51 बजे उसकी मौत हो गई। मौत का कारण हृदयाघात और ब्लड कैंसर पाया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा