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नैनीताल, 25 जुलाई (हि.स.)। नैनीताल जनपद के ओखलकांडा क्षेत्र के एक इंटर कॉलेज में कार्यरत रहे रसायन प्रवक्ता को अपनी महिला सहकर्मी शिक्षिका के साथ बलपूर्वक छेड़छाड़ करने के प्रकरण में न्यायालय ने दोषसिद्ध ठहराते हुए दो वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। यह निर्णय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा कुशवाहा की अदालत ने सुनाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना 20 मार्च 2020 की है। कोरोना काल के प्रारंभिक चरण में ओखलकांडा विकासखण्ड के एक इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा ड्यूटी पूरी करने के बाद रसायन विज्ञान के प्रवक्ता रिजवान अहमद अपनी बाइक से हल्द्वानी लौट रहे थे। उसी विद्यालय की एक महिला प्रवक्ता, जो हल्द्वानी में ही निवास करती हैं, ने सहकर्मी होने के नाते मदद मांगकर उनके साथ चलने की इच्छा जताई परंतु रास्ते में रिजवान ने महिला के साथ अश्लील व्यवहार करते हुए जोर-जबरदस्ती का प्रयास किया।
महिला किसी अन्य साधन से हल्द्वानी पहुंची और कुछ समय पश्चात मानसिक स्थिति सामान्य होने पर 6 जून 2020 को मुक्तेश्वर थाने में अभियोग दर्ज कराया गया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रवक्ता ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए पीड़िता पर ही आरोप लगाने का प्रयास किया, किंतु अदालत ने महिला प्रवक्ता की गवाही को सशक्त प्रमाण मानते हुए अभियोजन पक्ष की दलीलों को सही ठहराया। अदालत ने टिप्पणी की कि एक शिक्षक से समाज व विद्यार्थियों के प्रति उत्तरदायी आचरण की अपेक्षा होती है, जबकि प्रवक्ता का आचरण बेहद गैर-जिम्मेदाराना रहा।
महिला प्रवक्ता ने घटना के लंबे समय बाद भी गर्भावस्था की अवस्था में न्यायालय में बयान देने को न्यायालय ने मानसिक आघात का प्रमाण माना और यह स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में देरी स्वाभाविक होती है। न्यायालय ने दोषसिद्ध रिजवान अहमद को सजा सुनाई।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी