श्रावण महोत्सव 2025: शनिवार को होगी शास्त्रीय गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुतियां
श्रावण महोत्सव 2025: शनिवार को होगी शास्त्रीय गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुतियॉ


उज्जैन, 25 जुलाई (हि.स.)। महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा शनिवार को होगी शास्त्रीय गायन, वादन व नृत्य की प्रस्तुतियॉ होंगी। देश भर के प्रख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे| समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि 12 जुलाई से प्रारभ हुए 20 वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2025 का आयोजन श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, जयसिं‍ह पुरा उज्जैन में शाम 7 बजे किया जा रहा है |

कला साधकों के इस प्रस्तुति समागम में 26 जुलाई 2025 शनिवार को लखनऊ के जयंत खोत का शास्त्रीय टप्पा गायन, ग्वालियर के डॉ.सुनील पावगी का हवाईयन गिटार वादन व नईदिल्ली की पद्मश्री गीता महालिक के ओडिसी नृत्य की प्रस्तुातियॉ सम्मिलित हैं।

कलाकारों का परिचय

* प्रो. जयन्त खोत एक प्रसिद्ध गायक और संगीतज्ञ हैं। आपने ग्वालियर घराने के पं. बालासाहेब पूंछवाले जी से ख्याल, टप्पा, ठुमरी और अष्टपदी का गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। आपने एम.ए. गायन में स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आप वर्तमान में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। आपने तानसेन समारोह, सवाई गंधर्व और फैयाज खाँ संगीत समारोह जैसे प्रमुख संगीत समारोहों में ग्वालियर गायकी का सफल प्रदर्शन किया है। आपको नाद साधक सम्मान, उत्कृष्टता हेतु सम्मान, यागधारा नव रत्न सम्मान, संस्कृति संवाहक सम्मान, संगीत शिरोमणि सम्मान और बड़े गुलाम अली खाँ रंगभारती सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। आपने दो पुस्तकें भी लिखी हैं और छात्रों का मार्गदर्शन किया है।

* पं. सुनील पावगी भारतीय वीणा परंपरा से जुड़े दुर्लभ कलाकारों में से हैं। आपने हवाईयन गिटार जैसे वाद्य को भारतीय शास्त्रीय संगीत की गरिमा के साथ प्रस्तुत कर एक अनूठी पहचान बनाई। आपने पद्मभूषण स्व.पं. वी.जी.जोग के मार्गदर्शन में वायलिन वादन की शिक्षा प्राप्त किया। आपने खजुराहो, आगरा, बनारस, मुंबई जैसे प्रतिष्ठित संगीत महोत्सवों में प्रस्तुति दी है, साथ ही दूरदर्शन व आकाशवाणी के ए ग्रेड कलाकार हैं। आपको मध्यप्रदेश सरकार के सर्वोच्च सांस्कृतिक सम्मान शिखर सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया है। आपको सुर शिरोमणि, सुरमणि, आर्टिस्ट ऑफ द ईयर, गिटार गौरव” आदर्श शिक्षक सम्मान सहित अनेकों राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हैं। आपने भारतीय गिटार एवं वीणा परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। आप राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में गिटार के प्रोफोसर रहे हैं। आप वर्तमान में गुरू-शिष्य परम्परा के अर्न्तगत शास्त्रीय गिटार वादन की शिक्षा प्रदान कर इस दुर्लभ परंपरा में प्रशिक्षित कर रहे हैं।

* पद्मश्री गीता महालिक एक प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना, कोरियोग्राफर और सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं। आपने बचपन से ही नृत्य की शिक्षा प्राप्त की और अपने गुरुओं के मार्गदर्शन में ओडिसी नृत्य में दक्षता प्राप्त की। आपने खजुराहो, एलोरा, संकट मोचन, कालिदास समारोह जैसे मंचों के साथ-साथ यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फ्रांस में भी प्रस्तुति दी है। आप भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हैं, जो शास्त्रीय नृत्य में आपके योगदान को दर्शाता है। आपको वाग्देवी पुरस्कार, राज्य संगीत नाटक अकादमी सम्मान और वरिष्ठ फेलोशिप जैसे अनेकों पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। आपने यशोधरा, नर्मदा और कृष्णलीला जैसे नृत्य-नाटकों का निर्देशन कर सृजनात्मकता का परिचय भी दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल