कावड़ मेले में स्वयं सहायता समूहों ने किया 41 लाख से अधिक का व्यवसाय
कांवड़ मेले के दौरान हरकीपैडी


हरिद्वार, 25 जुलाई (हि.स.)। हरिद्वार में 13 दिन तक चले श्रावण मास के कॉवड़ मेले में स्वयं सहायता समूहों ने करीब 41 लाख 57 हजार 500 रुपये की आजीविका प्राप्त की।

मेले के दौरान छह विकासखंडों के 21 क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) से जुड़े 48 स्वयं सहायता समूहों ने कैंटीन, जूस, पानी, फल, नाश्ता, भोजन, जूट और कपड़ों के बैग, कपड़े, भोला ड्रेस और कांवड़ सजावट सामग्री आदि के स्टॉल लगाए।

लक्सर विकासखंड की करिश्मा (बेबी समूह) ने हरकी पैड़ी के पास दुकान लगाकर 5,85,800 रुपये की बिक्री की और पहला स्थान हासिल किया। दूसरे व तीसरे स्थान पर लक्सर की ही सरिता और रजनी ने भोले बाबा की ड्रेस बेचकर 3,49,600 और 3,45,900 लाख की कमाई की। उधर नारसन के थिथोला गांव के राजकुमार समूह ने हैंडलूम और कांवड़ सामग्री बेचकर 1,73,500, जबकि खानपुर के उत्कर्ष समूह के रेस्टोरेंट ने 1,67,800 की बिक्री की।

श्रद्धा सीएलएफ (बहादराबाद) के तीन समूहों राधे राधे, भीमराव और कनिका ने मिलाकर 3.92 लाख से ज्यादा की कमाई की। 60 हजार से 1 लाख की बिकी करने वालों में गाजीवाली, भगवानपुर, निजामपुर पनियाली आदि गांवों की महिलाएं शामिल रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला