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समस्तीपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) के तत्वावधान में विकसित हल्दी के प्रभेद “राजेंद्र सोनिया” की देशभर में जबरदस्त मांग देखी जा रही है. विश्वविद्यालय द्वारा तैयार इस हल्दी में स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी कुर्कुमिन तत्व की मात्रा 6 परसेंट से लेकर 8.5 परसेंट तक पाई गई है, जो इसे अन्य किस्मों की तुलना में अधिक प्रभावशाली बना रही है.
राजेंद्र सोनिया के तत्वों की वैज्ञानिक वर्गीकरण प्रक्रिया कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय के निर्देश पर की गई, जिसके तहत कुर्कुमिन समेत अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान की गई. वर्गीकरण के बाद इस हल्दी की गुणवत्ता प्रमाणित हुई. वहीं, सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों से लेकर किसानों के बीच इस किस्म की मांग हो रही है.
विश्वविद्यालय ने बताया कि कुर्कुमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुणों से भरपूर तत्व है, जो कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में सहायक होता है. राजेंद्र सोनिया में इसकी अधिक मात्रा होने के कारण, देश के विभिन्न राज्यों से इसकी बीज के रूप में भारी मांग की जा रही है. वहीं, बिहार के समस्तीपुर सहित विभिन्न जिलों में हल्दी की खेती होती है. यह किस्म इसकी पैदावार में एक नई क्रांति ला सकती है.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के वैज्ञानिक डॉ. ए. के. मिश्रा ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं ने विश्वविद्यालय से 347 क्विंटल से अधिक राजेंद्र सोनिया हल्दी की खरीद की है. इसके अलावा, ये संस्थाएं स्थानीय किसानों से भी उच्च कीमतों पर हल्दी की खरीद कर रही हैं. वहीं, बिहार के किसानों को 130 क्विंटल बीज प्रदान किए गए हैं ताकि वे इसकी खेती कर बढ़ती मांग का लाभ उठा सकें.
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हिन्दुस्थान समाचार / त्रिलोकनाथ उपाध्याय