स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के लिए तैयारी शुरू, एक बार फिर राष्ट्रीय रैंकिंग के लिए हो रहे प्रयास
प्रतीकात्‍मक फोटो


भोपाल, 25 जुलाई (हि.स.) । स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फैज-2 के अंतर्गत स्वच्छता के गुणात्मक मानकों के आधार पर देश के सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों एवं जिलों की राष्ट्रीय रैंकिंग प्रदान करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण - 2025 का आयोजन किया जा रहा है।

जिला पंचायत सीईओ इला तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि भोपाल जिला ग्रामीण क्षेत्र वर्ष 2021 में वेस्ट जोन सेंट्रल इंडिया में प्रथम स्थान पर रहा था। इस बार भी हम प्रथम स्थान पर आने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के सभी घटकों पर तैयारी की जा रही है। जिसके अंतर्गत विभिन्न हितग्राहियों के प्रत्यक्ष संवाद घरों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता मानकों एवं ओडीएफ का सत्यापन मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से नागरिकों की प्रतिक्रिया पर कार्य किया जा रहा है। इस बार चयनित ग्राम पंचायतों में सर्वेक्षण के लिए निर्मित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई (एमआरएफ सेंटर), गोवर्धन संयंत्र इकाई, मल जल प्रबंधन संयंत्र एवं स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग स्थल शामिल किए गए हैं।

सीईओ तिवारी ने बताया कि जिले की 471 ग्रामों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया जा चुका है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में ग्रे वाटर मैनेजमेंट के लिए 154200 मीटर कवर्ड पाईपयुक्त नाली एवं एंड पाइंट पर फिल्टर करने वाली संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही लीज पिट, 8106 व्यक्तिगत एवं सामुदायिक सोक, तीन डब्ल्यू एसपी, पिट एवं डीबार्ट्स का निर्माण किया गया है। जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सभी ग्राम पंचायतों के लिए जीपीएफ ट्रैकिंगयुक्त सिस्टम, बैटरी आधारित कचरा वाहन से घर-घर कचरा संग्रहण एवं सेग्रीगेशन का कार्य किया जा रहा है। जिले स्तर पर बनाए गए स्मार्ट कमांड कंट्रोल रूम के माध्यम से संपूर्ण गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।

इसके साथ ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के निकलने वाली प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत ईटखेड़ी में प्रदेश के पहले एमआरएफ सेंटर की स्थापना की गई है। जिसका संचालन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही एमआरएफ सेंटर एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण का एमओयू करार हुआ है। जिसके अंतर्गत एमआरएफ सेंटर एमएलपी पॉजीथिन से चिप्स बनाकर एमआरआरडीए को सड़क बनाने के लिए प्रदान करता है।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 ग्रामीण स्वच्छता के ठोस और व्यापक मूल्यांकन की एक सशक्त पहल है । भोपाल जिले में ओडीएफ प्लस मॉडल को बनाए रखने, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, मल-अपशिष्ट ट्रीटमेंट (फीकल स्लज ट्रीटमेंट) और सक्रिय नागरिक भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों पर राज्यों और जिलों की राष्ट्रीय रैंकिंग तय की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत