नारनौल: मेडिकल कॉलेज में राजनीति ना हाे सुविधाएं उपलब्ध होंः डा अभय सिंह यादव
पूर्व मंत्री डा अभय सिंह यादव द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।


-पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

नारनाैल, 25 जुलाई (हि.स.)। महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज में चल रही वर्तमान हालातों को देखते हुए पूर्व सिंचाई मंत्री डा अभय सिंह यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हरियाणा को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने निवेदन किया है कि इस मेडिकल कॉलेज को राजनीति से बाहर निकालकर इसमें सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की अविलंब भर्ती करके क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए। उन्होंने लिखा है कि इस कॉलेज से क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाएं एवं भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

उन्हाेंने कहा कि वर्षों बाद क्षेत्र के लोगों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें जयपुर, गुरूग्राम एवं दिल्ली जैसे दूरस्थ स्थानों पर इलाज के लिए जाने की बजाय घर के नज़दीक उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। परंतु दुर्भाग्यवश इस मेडिकल कॉलेज को राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि ऐसी संस्थाएं क्षेत्र के लोगों को इलाज की सुविधाएं प्रदान करने के लिए होती हैं, राजनीति के लिए नहीं।

डा. अभय सिंह यादव ने कहा कि बड़ी लंबी इंतज़ार और सतत् प्रयास व परिश्रम से यह संस्था अस्तित्व में आयी है। कोरियावास गांव के प्रति यह समस्त क्षेत्र आभार व्यक्त करता है कि उनके द्वारा स्वेच्छा और सद्भाव से दिए गए 80 एकड़ के विशाल भूखंड पर 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से यह संस्था बनी। परंतु दुर्भाग्यवश यह संस्था प्रारंभ में ही राजनीति का शिकार हो रही है। ऐसी राजनीति ऐसी संस्थाओं को बर्बाद करने के अलावा क्षेत्र का कोई भला नहीं कर सकती। ऐसी संस्थाएं कभी कभार बना करती हैं और ऐसी संस्थाओं की बर्बादी पूरे क्षेत्र के हितों की बर्बादी होती है।

यह संस्थाएं क्षेत्र के व्यापक हितों के लिए बनाई जाती हैं, किसी की व्यक्तिगत राजनीति की स्वार्थसिद्धि के लिए नहीं। अतः इस क्षेत्र के लोगों को इस बात पर विचार करना होगा कि यह संस्थाएं किसी व्यक्ति विशेष की ज़िम्मेवारी नहीं हैं, अपितु समस्त समाज की ज़िम्मेवारी हैं। इन्हें बचाने और आगे बढ़ाने की ज़िम्मेवारी भी सामूहिक है। इसके साथ ही डॉक्टर यादव ने मुख्यमंत्री को अपने पूर्व में लिखे पत्र के संदर्भ में कहा कि शहीद राव तुलाराम के पराक्रम स्थल नसीबपुर में एक भव्य शहीद स्मारक का अविलंब निर्माण प्रारंभ किया जाए। जो भव्य, बहुआयामी एवं बहुउददेशीय हो। इसका नाम ‘राव तुलाराम शहीद स्मारक’ रखा जाए तथा इस स्मारक में सन् 1857 से लेकर अब तक हुए सभी शहीदों की स्मृति दर्ज की जाए । उन्होंने कहा कि ऋषि. महर्षि और शहीद दोनों ही समाज की अमूल्य धरोहर हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला