हिमाचल प्रदेश में 26 से 29 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट, 253 सड़कें बंद
शिमला में वर्षा


शिमला, 25 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने से शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। मौसम साफ होने से आपदा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में भी तेजी आई है। हालांकि मौसम विभाग ने चेताया है कि प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का दौर लौटने वाला है। विभाग ने 26 से 29 जुलाई तक कई जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। विशेषकर 26 जुलाई को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा 30 व 31 जुलाई को भी मौसम खराब रहने के आसार हैं। हालांकि इन दिनों के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

बीती रात सिरमौर जिले के जतौन बैरेज में सर्वाधिक 54 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पांवटा साहिब में 41, कुफरी व सुंदरनगर में 23-23, पच्छाद में 19, धौलाकुआं में 18, पंडोह में 14, शिमला में 13 और सोलन में 9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई।

भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद राज्य के कई इलाकों में अभी भी जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे समेत 235 सड़कें अभी भी बंद हैं। 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 139 पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। मंडी जिले में एनएच-70 मंडी-कोटली मार्ग सहित कुल 144 सड़कें बंद हैं, साथ ही 49 ट्रांसफार्मर और 65 पेयजल योजनाओं पर भी असर पड़ा है। कुल्लू जिले में 58 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि कांगड़ा जिले के धर्मशाला और नूरपुर उपमंडलों में 59 पेयजल योजनाएं ठप हैं।

मानसून की सक्रियता के बाद यानी 20 जून से अब तक बारिश जनित हादसों में 147 लोगों की मौत हो चुकी है, 229 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग अब भी लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 28 लोगों की जान गई और 27 लोग लापता हुए, खासकर 30 जून की रात बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही हुई थी। कांगड़ा में 22, चंबा में 17, कुल्लू में 15, शिमला में 11, हमीरपुर, सोलन और ऊना में 10-10, किन्नौर और बिलासपुर में आठ-आठ, जबकि लाहौल-स्पीति और सिरमौर में चार-चार लोगों की मौत हुई है।

मौजूदा मानसून सीजन में प्रदेश में 21500 पोल्ट्री पक्षियों और 1335 पशुओं की भी मौत दर्ज हुई है। वहीं 1262 कच्चे-पक्के मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 409 घर पूरी तरह ढह गए। अकेले मंडी जिले में ही 974 मकानों को नुकसान हुआ, जिनमें से 374 पूरी तरह धराशायी हो गए।

अब तक की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश को मानसूनी बारिश से लगभग 1387 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को 651 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग को 493 करोड़ रुपये का हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा