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ग्वालियर, 25 जुलाई (हि.स.)। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुई नई मौसम प्रणाली ने पूरे ग्वालियर शहर को पानी-पानी कर दिया। गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक रुक-रुककर जोरदार बारिश हुई। इस दौरान शहर में 102.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान भी ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
शहर में गुरुवार रात 11 बजे के बाद लगभग आधा घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद रात लगभग डेढ़ बजे से एक बार फिर शुरू हुई बारिश शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे तक जारी रही। इस दौरान कभी हल्की तो कभी तेज बारिश हुई। सुबह जब लोग नींद से जागे तो शहर के मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों की सडक़ों पर घुटनों तक पानी भरा नजर आया। शहर की अधिकांश सडक़ों पर पानी नालों की तरह तेज रफ्तार से सरपट बह रहा था। ऐसे में लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। घर से बाहर निकलने के लिए लोगों को सडक़ें जल मुक्त होने का इंतजार करना पड़ा।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र आगे बढक़र तटीय पश्चिम बंगाल में पहुंचकर डिप्रेशन (अवसाद) में बदल गया है। अगले 24 घंटे के दौरान यह मौसम प्रणाली ओडिशा होते हुए झारखंड की ओर बढ़ेगी। इसके अलावा हरियाणा एवं छत्तीसगढ़ में चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय हैं। पूर्वी मध्य प्रदेश से द्रोणिका लाइन गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों से अगले 24 घंटे के दौरान भी ग्वालियर सहित आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश की भी संभावना बनी हुई है।
शुक्रवार को लगभग साढ़े नौ बजे के आसपास बारिश थमने के बाद दोपहर होने से पहले धूप निकल आई। इसके बाद वातावरण में उमस बढ़ गई। जिससे शहरवासियों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार आज अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस पर रहा जो सामान्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी सामान्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस कम है।
शहर में अब तक 856.9 मिमी बारिश: इस बार मानसूनी बारिश रिकॉर्ड तोड़ रही है। शहर में एक जून से अब तक कुल 856.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जबकि यहां मानसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर तक) सामान्य बारिश का आंकड़ा 700.2 मिलीमीटर है। यानी शहर में 25 जुलाई शाम साढ़े पांच बजे तक सामान्य से 156.7 मिलीमीटर अधिक बारिश हो चुकी है जबकि मानसून सीजन में जुलाई के शेष बजे छह दिन सहित अगस्त और सितंबर माह शेष हैं। पिछले सालों के आंकड़े देखें तो इससे पहले शहर में पूरे मानसून सीजन में सर्वाधिक बारिश 2008 में 995.6, 2011 में 939.7 और 2019 में 901.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा