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कोलकाता, 25 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के एक अहम मामले में नया मोड़ आया है। मृत भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के बड़े भाई विश्वजीत सरकार ने आरोप लगाया है कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के कुछ कर्मचारियों ने तृणमूल कांग्रेस के दो पार्षदों के इशारे पर उनकी हत्या की कोशिश की।
विश्वजीत सरकार ने गुरुवार रात उत्तर कोलकाता के राजाबाजार थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्षद स्वपन समद्दार और पापिया घोष के निर्देश पर कुछ केएमसी कर्मचारी उनके घर के पास पेड़ की शाखाएं काटने आए थे। इस दौरान एक शाखा उनके गैरेज पर गिर गई और उसे नुकसान पहुंचा। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और चॉपर (धारदार हथियार) से उन पर हमला किया, जिससे उनकी नाक पर गंभीर चोट आई।
गौरतलब है कि स्वपन समद्दार और पापिया घोष के साथ-साथ कोलकाता के बेलियाघाटा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल विधायक पारेश पाल का नाम भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हालिया पूरक चार्जशीट में आरोपितों के रूप में दर्ज है।
हालांकि, इस घटना को लेकर केएमसी कर्मचारियों ने भी विश्वजीत सरकार के खिलाफ एक काउंटर शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि बहस के दौरान विश्वजीत ने उनके साथ मारपीट की।
कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच शुरू कर दी गई है। उक्त अधिकारी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू से जांच की जा रही है।
इस बीच, सीबीआई की चार्जशीट में नाम आने के बाद एक सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त, एक कार्यरत सब-इंस्पेक्टर और एक होमगार्ड को हाल ही में सत्र न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेजा है।
चार्जशीट में नामित तीनों तृणमूल नेता इस समय गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर चुके हैं।
यह मामला 2021 के विधानसभा चुनाव की राजनीतिक हिंसा से जुड़ा है जिसमें अभिजीत सरकार की हत्या कर दी गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर