राज्यभर में वीजीआर, पीजीआर, सत्रों, नामघरों, वन भूमि से चरणबद्ध तरीके से हटेगा अतिक्रमण: मुख्यमंत्री सरमा
गोलाघाट: उरियामघाट में अतिक्रमित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की तस्वीर।


- उरियामघाट में अतिक्रमित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री

गुवाहाटी, 25 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज गोलाघाट ज़िले के उरियामघाट का दौरा कर उन क्षेत्रों का निरीक्षण किया जिन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है और जिनके लिए राज्य सरकार पहले ही निष्कासन नोटिस जारी कर चुकी है।

मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र की हजारों बीघा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है, जिनमें से कुछ परिवारों ने 300 से 400 बीघा तक की भूमि पर आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकती और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक लगभग 70 फीसदी अतिक्रमणकारी स्वयं ही भूमि खाली कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग असम के कछार, श्रीभूमि, धुबरी, बरपेटा, होजाई, नगांव, मोरीगांव जैसे जिलों सहित पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे अन्य राज्यों से आए हैं। उनके नाम-पते इकट्ठा कर संबंधित जिला प्रशासन को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा।

डॉ. सरमा ने यह भी जानकारी दी कि गोलाघाट के नेघेरिबिल क्षेत्र में भी निष्कासन नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें उम्मीद है कि वहां के अतिक्रमणकारी भी जल्द ही भूमि खाली कर देंगे। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण के चलते उरियामघाट आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है, लेकिन जनता के सहयोग से वहां पुनः शांति बहाल की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे, जैसे कि पत्थर, रेत और मूल्यवान वन उत्पादों का दोहन। सरकार भूमि की सुरक्षा के लिए वनीकरण और अन्य संबंधित गतिविधियां शुरू करने की योजना बना रही है ताकि स्थानीय लोगों को इन प्रयासों का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिक्रमण के पीछे प्रमुख भूमिका निभाने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास पूरे राज्य के अतिक्रमित क्षेत्रों की सूची है, जिन पर चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकों और संगठनों से अपील की कि वे प्रशासन को अतिक्रमण की सूचना दें ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके। उन्होंने दोहराया कि वीजीआर, पीजीआर, सत्रों, नामघरों, वन भूमि और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों से अवैध कब्जा हटाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उरियामघाट निष्कासन अभियान के बाद पूरे राज्य में अब तक कुल 1.5 लाख बीघा भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई जा चुकी है। उन्होंने इस अभियान में नगालैंड सरकार के सहयोग के लिए आभार भी प्रकट किया।

मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे में स्थानीय विधायक बिश्वजीत फूकन, विशेष मुख्य सचिव (वन) एमके यादव, पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अखिलेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी पुलक महंत तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश