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- बस्तर की युवतियों को बहला फुसलाकर आगरा (उत्तर प्रदेश) ले जा रहे दो मिशनरी सिस्टर व एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज
रायपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। दुर्ग रेलवे स्टेशन में मानव तस्करी के मामले में दो युवती और युवक को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत और सहयोग से की गई। दुर्ग जीआरपी ने आज पीड़ित तीनों युवतियों और उनके परिजनों के बयान के आधार पर मिशनरी सिस्टरों- प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस एवं युवक सुकमन मंडावी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 143 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, आरोपितों को न्यायालय तथा युवतियों को सखी सेंटर भेजा गया है।
दुर्ग जीआरपी थाना के प्रभारी राजकुमार बोरझा के अनुसार बजरंग कार्यकर्ताओं से लिखित शिकायत मिली थी कि दुर्ग रेलवे स्टेशन से आगरा जाने के ट्रेन पकड़ने नारायणपुर से प्रीति मैरी एवं वंदना फ्रांसिस, सुकमन मंडावी निवासी ग्राम मरकाबोड़ (नारायणपुर), कमलेश्वरी निवासी ओरझा (नारायणपुर), ललीता ग्राम जाबमुड़ा, ओरछा (नारायणपुर) एवं सुखमती निवासी पोछवाड़ा (नारायणपुर) पहुंचे थे। बजरंग दल के लोगों को नारायणपुर से भनक लगी थी कि तीनों लड़कियों को बहला फुसलाकर मतांतरण कराने आगरा ले जाया जा रहा है। सूचना के आधार पर शुक्रवार सुबह आठ बजे के करीब दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो नन और एक युवक को पकड़ा गया। उनके साथ तीन लड़कियां भी थीं। इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पहुंचे।
रेलवे पुलिस ने प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस सहित सुखमन मंडावी को हिरासत में लेकर युवतियों के संबंध में जानकारी मांगी लेकिन वे लोग सही जानकारी नहीं दे रहे थे। रेलवे पुलिस ने नारायणपुर जिला पुलिस से भी संपर्क किया। कुछ देर बाद दुर्ग के ईसाई मशीनरी के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच गए। इसके बाद तनाव और भी बढ़ गया। युवतियों का जब बयान लिया गया तो युवतियों ने इस बात की जानकारी दी कि उन्हें अच्छी नौकरी का लालच देकर आगरा ले जाया जा रहा था। युवतियों के बयान के बाद जीआरपी ने मामले में मानव तस्करी की धारा के तहत प्रीति मैरी,वंदना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
बजरंग दल के दुर्ग जिला संयोजक रवि निगम का कहना है कि लगातार ईसाई मिशनरियां हिंदुओं को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का काम कर रही है, लेकिन आज उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि कुछ युवतियों की मानव तस्करी की जा रही है, तो वे भी अपने सहयोगियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचकर जानकारी ली तो पता चला कि दो नन (मिशनरी सिस्टर)और मिशनरी से जुड़े एक युवक के द्वारा तीन युवतियों को आगरा ले जा रहा था।
इधर, ईसाई मिशनरी से जुड़े बेप्टिस्ट चर्च के अध्यक्ष एम जोराथन जॉन का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के कारण उनके चर्च के दो नन के खिलाफ झूठी मानव तस्करी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसके कारण वे लोग अब न्यायालय की शरण में जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों को कानून पर विश्वास है। मानव तस्करी का आरोप मिथक है। हम न्यायालय में जाएंगे। लड़कियों के स्वजनों को कोई आपत्ति नहीं थी, उनके चाचा ने आपत्ति की है।
प्रारंभिक जांच के बाद दो नन एवं युवक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 143 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। लड़कियों को उनके स्वजनों के आने तक सखी सेंटर भेजा गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा