Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
सिरसा, 25 जुलाई (हि.स.)। जिले के गांव शक्कर मंदौरी में शुक्रवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कपास उत्पादन व क्षेत्रफल को बढ़ावा देने के लिए किसान मेले का आयोजन किया गया। मेले में सिरसा जिले के विभिन्न गांवों से सेंकड़ों किसानों ने भाग लिया।
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुखदेव सिंह कंबोज ने कहा कि प्रदेश सरकार व कृषि विभाग किसानों की आय को बढ़ाने, कॉटन की खेती को लाभदायक बनाने और जलवायु के अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे विभागीय योजनाओं का लाभ लें और समय पर वैज्ञानिक सलाह के अनुसार कपास की खेती करें । कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र जाखड़ ने मिट्टी जांच की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि मिट्टी की गुणवत्ता को समझे बिना उर्वरक का प्रयोग करना न केवल नुकसानदायक होता है, बल्कि इससे उत्पादन भी प्रभावित होता है। उन्होंने फर्टिलाइजर के संतुलित उपयोग पर जोर दिया। डॉ. राकेश कुंट ने कृषि विभाग की वर्तमान योजनाओं व स्कीमों की जानकारी दी जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ड्रिप सिंचाई योजना आदि शामिल हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन योजनाओं के लिए समय पर आवेदन करें और ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ उठाएं।
डॉ. कोमल ने कॉटन फसल में गुलाबी सुंडी की समस्या पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कीट फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाता है और समय पर पहचान कर उसका जैविक व रासायनिक नियंत्रण अति आवश्यक है। डॉ. शैलेन्द्र सहारण ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना व पराली प्रबंधन की तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को समझाया कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरता घटती है और पर्यावरण को भी हानि होती है। इसके बजाय पराली के वैज्ञानिक निस्तारण से मिट्टी की संरचना में सुधार लाया जा सकता है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma