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इटानगर, 24 जुलाई (हि.स.)। यूनाइटेड तानी आर्मी (यूटीए) के दो युवकों ने आज अरुणाचल प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करते हुए बेहतर भविष्य के लिए मुख्यधारा में शामिल होने के लिए भूमिगत गतिविधियों को त्याग दिया।
राज्य पुलिस विभाग द्वारा पुलिस मुख्यालय इटानगर में आयोजित एक कार्यक्रम के माध्यम से, बेहतर भविष्य के लिए भूमिगत गतिविधियों को छोड़ने का निर्णय लेने वाले दोनों पूर्व यूटीए का सरकार ने स्वागत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के गृह मंत्री मामा नाटुंग ने दोनों पूर्व यूटीए युवको को उनके आत्मसमर्पण के निर्णय की सराहना की और उनका स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक गतिविधियों को जड़ से उखाड़कर राज्य में शांति स्थापित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि जब शांति होगी, तो राज्य और देश में विकास भी होगा और राज्य सरकार युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देकर उनके विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
साथ ही, सरकार उन लोगों के लिए दरवाजा खुल रखा हैं जो उग्रवाद को त्यागकर समाज में फिर से शामिल होना चाहते हैं।
गृह मंत्री ने बताया कि राज्य के कुछ युवा अभी भी गुमराह होकर गलत रास्तों में फंसे हुए हैं, इसलिए उन्होंने ऐसे सभी लोगों से घर लौटने और समाज में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि इस डिजिटल दुनिया में उन्हें जंगल में अपना जीवन बर्बाद नहीं करना चाहिए, इसलिए उन्हें वापस आना चाहिए और स्वरोजगार के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
लोगों को अपना जीवन फिर से संवारने में मदद करने के उद्देश्य से कई सरकारी योजनाएं हैं। जो लोग वापस लौटेंगे, उन्हें हमारे शिविर में व्यापक राहत और पुनर्वास कार्यक्रमों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
आत्मसमर्पण करने वाले भूमिगत समूह के सदस्यों के लिए, मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, राहत और पुनर्वास के उपाय उपलब्ध हैं। ऐसी ही एक पहल लोवार दिबांग घाटी के बिश्मक नगर में पुनर्वास शिविर है, जो जनवरी 2025 से चालू है।
इस शिविर में विद्रोही गतिविधियों से विमुख हुए 30 व्यक्तियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और अभिविन्यास कार्यक्रम प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे समाज में सफलतापूर्वक पुनः एकीकृत हो सकें।
36 महीने के पुनर्वास कार्यक्रम को पूरा करने पर, प्रत्येक व्यक्ति को 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ कार्यक्रम के दौरान 6,000 रुपये के मासिक वजीफे के भी पात्र होंगे।
उन्होंने एक बार फिर,दोनों युवाओं का स्वागत करते हुए अरुणाचल प्रदेश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य पुलिस के अटूट समर्पण की सराहना की।
यह अरुणाचल प्रदेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और आशाजनक अध्याय था, विशेष रूप से राज्य पुलिस के लिए, शांति और सुलह की दिशा में एक बड़ा कदम है जो राज्य के दो गुमराह युवा वापस मुख्यधारा में लौट आए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी