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मुंबई, 24 जुलाई (हि.स.)। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि देश की प्रगति में आयकर विभाग का योगदान बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि कर नियमों का प्रभावी कार्यान्वयन देश के विकास को बढ़ावा देता है। राज्यपाल राधाकृष्णन गुरुवार को आयकर विभाग के 166वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुंबई के कौटिल्य भवन में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि 2025 तक हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। इस पृष्ठभूमि में, कर प्रशासन में बदलाव होने चाहिए। हमें हमेशा करदाताओं की गलतियां मिलती हैं। हम जुर्माना लगाते हैं। परिणामस्वरूप, अधिक से अधिक लोग कर के दायरे से बाहर रहने का प्रयास करते हैं। इसके विपरीत, आयकर विभाग को करदाताओं के प्रति मैत्रीपूर्ण रवैया बनाए रखने, अधिक लोगों को कर प्रणाली के दायरे में लाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट के सम्मेलन आयोजित करने और कर भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कर ढांचे में समयबद्ध सुधार करना भी आवश्यक है। इसके साथ ही, कर चोरी पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने जर्मनी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां नियमित आयकरदाताओं को सम्मान और पहचान पत्र दिए जाते हैं। ऐसी प्रोत्साहन पहल अपनाई जानी चाहिए। जिन लोगों की मुख्य आय कृषि नहीं बल्कि अन्य व्यवसाय हैं, उन्हें केवल नाम मात्र की कृषि दिखाकर कर चोरी नहीं करनी चाहिए। इसके लिए पारदर्शी और तर्कसंगत मानदंडों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कौटिल्य (चाणक्य) की प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही, सर्वाधिक करदाता भारतीय स्टेट बैंक, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त अधिकारियों और आयकर विभाग को भी राज्यपाल ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के उपाध्यक्ष शक्तिजीत डे, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मालती श्रीधरन, विभिन्न कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधि, आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारी और पुरस्कार विजेता खिलाड़ी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव