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जम्मू, 24 जुलाई (हि.स.)। प्रकृति और राष्ट्रीय विरासत के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि स्वरूप चिनार इको वॉरियर्स ने जम्मू और कश्मीर राज्य वन विभाग के साथ मिलकर जम्मू के प्रमुख स्थानों पर एक प्रभावशाली वन महोत्सव का आयोजन किया। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता, जैव विविधता और भारत की हरित सांस्कृतिक विरासत के प्रति एक नई प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। धलोटे, कौलपुर और पटियारी में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियानों ने समुदाय का ध्यान आकर्षित किया और युवा पीढ़ी को इसमें शामिल किया।
इस वृक्षारोपण अभियान ने सैनिकों, वन अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन, छात्रों और नागरिकों को एक साथ लाकर नागरिक-सैन्य तालमेल का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन किया जिसमें पर्यावरणीय संरक्षण और एक स्थायी भविष्य के लिए साझा ज़िम्मेदारी के बीज बोए गए। इस वर्ष का अभियान पारंपरिक वृक्षारोपण प्रयासों से आगे बढ़कर, पारिस्थितिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों के बारे में लोगों के ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए एक शैक्षिक घटक की शुरुआत की। उल्लेखनीय आकर्षणों में शामिल हैं- वर्टिकल फार्मिंग प्रदर्शन-आधुनिक पर्यावरणीय तकनीकों को एकीकृत करने के उद्देश्य से शहरी और सीमित स्थान वाले क्षेत्रों में हरित समाधानों को बढ़ावा देने हेतु लघु-स्तरीय वर्टिकल फार्मिंग मॉड्यूल प्रदर्शित किए गए।
स्वतंत्रता संग्राम वृक्ष-भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े देशी वृक्ष-जैसे दहीमन, जुनिपर, बरगद, पीपल आदि जिनके नीचे स्वतंत्रता सेनानी एकत्रित होते थे युवा पीढ़ी को उनके प्रतीकात्मक और ऐतिहासिक महत्व की याद दिलाने के लिए लगाए गए।
औषधीय विरासत वृक्ष-आंवला, अर्जुन, नीम आदि जैसे अपने उपचारात्मक और चिकित्सीय गुणों के लिए जाने जाने वाले विभिन्न प्रकार के वृक्षों को सार्वजनिक स्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में लगाया गया जिससे भारत की प्राचीन औषधीय परंपराओं के ज्ञान को बल मिला।
ज्ञान जागृति क्षेत्र-इस अभियान में इंटरैक्टिव जागरूकता सत्र और मुख्य संसाधन व्यक्ति ओपी शर्मा विद्यार्थी, आईएफएस (सेवानिवृत्त), पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, द्वारा क्यूरेट किया गया वृक्ष वार्ता शामिल थी। वह एक उत्साही पर्यावरणविद्, वर्तमान में जम्मू-कश्मीर जैव विविधता एवं वन्य जीवन बोर्ड के सदस्य और डोगरी पुस्तक ट्रिप ट्रिप चेते के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हैं, ने प्रतिभागियों को वृक्ष प्रजातियों के पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और सामरिक महत्व के बारे में शिक्षित किया और वृक्षारोपण को जीवंत विरासत के उत्सव में परिवर्तित किया।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसी भावना को दोहराया और हिमालयी क्षेत्र में पारिस्थितिक सुरक्षा, जन जागरूकता और जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में चिनार इको वॉरियर्स की प्रतिबद्धता की सराहना की। इस पहल के केंद्र में सूबेदार मोहिंदर सिंह का अथक प्रयास और नेतृत्व था जिनके समर्पण, जमीनी स्तर पर समन्वय और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जुनून ने इस बहु-स्थानीय अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जैसे ही मानसून की बारिश धरती पर छाई, चिनार इको वॉरियर्स और राज्य वन विभाग जम्मू-कश्मीर इस हरित अभियान को जारी रखने का संकल्प लेते हैं यह सुनिश्चित करते हुए कि जम्मू के पहाड़ और मैदान नए जीवन और उद्देश्य के साथ खिल उठें।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह