Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
- बैंडेल में महिला सशक्तिकरण की दिशा में विद्यालय की पहल को मिली अंतरराष्ट्रीय सराहना
हुगली, 24 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार की अग्रणी सामाजिक पहल कन्याश्री योजना के अंतर्गत कैश-प्लस कार्यक्रम के प्रभाव और उसके जमीनी क्रियान्वयन का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से यूनिसेफ के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बैंडेल स्थित महात्मा गांधी हिंदी विद्यालय का दौरा किया। यह दौरा विशेष रूप से किशोरियों में आत्मरक्षा, आत्मविश्वास और जीवन कौशल के विकास की प्रक्रिया को समझने और उसका दस्तावेजीकरण करने हेतु आयोजित किया गया था।
प्रतिनिधिमंडल में डाॅ. अंकिता श्रीवास्तव, डाॅ. अरुण कुमार यादव और डाॅ. रवि रंजन शामिल थे। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों, छात्राओं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ व्यापक बातचीत की, ताकि यह जाना जा सके कि कन्याश्री योजना के कैश-प्लस मॉडल - जिसमें नकद हस्तांतरण के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है - का वास्तविक प्रभाव क्या है।
दौरे के दौरान प्रतिनिधियों ने कक्षा 12 की छात्रा साइना खातून और कक्षा 10 की लक्ष्मी मिश्रा का साक्षात्कार किया। दोनों छात्राओं ने आत्मरक्षा तकनीकों और अपने आत्मविश्वास को प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित किया।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानाध्यापक विजय कुमार प्रसाद और नोडल शिक्षक संतोष चौधरी से भी विस्तृत चर्चा की। दोनों ने कन्याश्री योजना के प्रभावों, चुनौतियों और अवसरों पर गहन दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह यह योजना न सिर्फ लड़कियों को स्कूल में बनाए रखने में मदद कर रही है, बल्कि उनमें नेतृत्व और आत्मरक्षा की भावना भी विकसित कर रही है।
योजना की कई लाभार्थी छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि आर्थिक सहायता के साथ जीवन कौशल प्रशिक्षण और परामर्श ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी है। आत्मविश्वास में वृद्धि, परिवार और समाज में स्वीकृति और शिक्षा को लेकर गंभीरता उनमें स्पष्ट रूप से देखने को मिली।
यूनिसेफ प्रतिनिधियों ने विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बैंडेल महात्मा गांधी हिंदी विद्यालय कन्याश्री योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू कर रहा है। उन्होंने इस पहल में सतत सहयोग और सामुदायिक भागीदारी को और सुदृढ़ करने का सुझाव दिया ताकि हर लड़की को आगे बढ़ने और अपनी क्षमता को निखारने का अवसर मिल सके। इस सफल आयोजन के पीछे जिला शिक्षा अधिकारी प्रणव कुमार मंडल और एएनओ धर्मेन्द्र कुमार सिंह की अहम भूमिका रही, जिन्होंने समन्वय और कार्यान्वयन की सभी प्रक्रियाओं को बखूबी संभाला।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय