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बरेली, 24 जुलाई (हि.स.) । मिनी बाईपास स्थित राधिका सुपर स्पेशलिटी एंड ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान एक बुजुर्ग की संदिग्ध हालात में मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। रुद्रपुर निवासी युवक ने अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और एंबुलेंस चालक पर गंभीर लापरवाही और साजिश का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि पिता की हालत गंभीर होने के बावजूद उन्हें जानबूझकर गलत अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के नाम पर मोटी रकम ऐंठी गई। एसएसपी के निर्देश पर कल देर रात इज्जतनगर पुलिस ने तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राममूर्ति की जगह राधिका में कराया भर्ती
रुद्रपुर के खेड़ा निवासी उमेश के अनुसार, बीते साल 3 अगस्त 2023 को उनके पिता भोला प्रसाद को अचानक सीने में तेज दर्द उठा। उन्हें आनन-फानन में रामपुर के नारायण अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत बताते हुए बरेली के राममूर्ति अस्पताल रेफर कर दिया।
उमेश ने बताया कि वह एंबुलेंस से पिता को लेकर बरेली रवाना हुए, लेकिन चालक फूल सिंह ने राममूर्ति के बजाय इज्जतनगर स्थित राधिका ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करा दिया। जब उमेश ने आपत्ति की तो चालक ने कहा कि “डॉक्टरों ने यहीं भेजा है।”
इलाज के नाम पर ऐंठे पैसे, नहीं मिला सही इलाज
पीड़ित का आरोप है कि राधिका अस्पताल में हृदय रोगियों के इलाज की कोई सुविधा नहीं थी। डॉक्टर हार्ट स्पेशलिस्ट भी नहीं थे। इसके बावजूद डॉक्टर विवेक गुप्ता की देखरेख में मरीज को भर्ती कर लिया गया। डॉक्टर ने बताया कि मामूली दिक्कत है और सुधार हो जाएगा।
मगर हालत लगातार बिगड़ती रही और 4 अगस्त की रात करीब 11 बजे मरीज ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया और इलाज के नाम पर लगातार पैसे वसूले जाते रहे।
एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
परिजन उमेश ने पूरे मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने तत्काल इज्जतनगर पुलिस को जांच के आदेश दिए। थाना प्रभारी ने गुरूवार काे बताया कि डॉक्टर विवेक गुप्ता, एंबुलेंस चालक फूल सिंह और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
पीड़ित ने मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, साथ ही चालक की कॉल डिटेल और बातचीत की रिकॉर्डिंग भी खंगाली जाए। उमेश का कहना है कि अगर सही समय पर उचित इलाज मिल जाता, तो उनके पिता की जान बचाई जा सकती थी।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार