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नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में नकली व घटिया गुणवत्ता वाले कीटनाशकों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्यों में प्रवास के दौरान किसानों से शिकायत मिलती है कि नकली कीटनाशकों के कारण उनकी फसल खराब हुई है या फसल को नुकसान होता है। इनका समुचित निवारण करते हुए किसानों के हित में नकली- अधोमानक कीटनाशकों को बाजार में आने से पूरी तरह रोकना होगा। शिवराज सिंह स्पष्ट रूप से अधिकारियों को निर्देश दिया कि नकली एवं अधोमानक कीटनाशक किसी भी हालत में बिकने नहीं पाएं। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे राज्य सरकारों के साथ मिलकर पूरे सिस्टम को मजबूत बनाएं।
कीटनाशकों के संबंध में कृषि भवन में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कीटनाशकों के पंजीयन की प्रक्रिया ऐसी होना चाहिए कि जिससे किसी को भी कृषि विभाग के चक्कर न लगाना पड़े, न ही कोई गड़बड़ी होने पाए। प्रक्रिया के दौरान ट्रेकिंग की व्यवस्था भी हो। कोई बेईमानी करता है, नकली या घटिया कीटनाशक बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हों।
शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में हमें विभिन्न स्तरों पर काम करना होगा। किसान हमारे लिए सर्वोपरि है, उनकी फसल नकली कीटनाशकों के कारण खराब नहीं होना चाहिए। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि खेतों में फसलों में क्या-क्या परिवर्तन आ रहा है, यह नियमित रूप से देखते हुए किसानों को समुचित सलाह प्रभावी तरीके से तत्काल दी जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फसलों में आने वाली बीमारियों का वैज्ञानिकों द्वारा पता लगाकर उसका डिजिटल समाधान असरकारी ढंग से होना चाहिए। कृषि प्रसार व कृषि विज्ञान केंद्रों का अमला राज्यों के कृषि अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मिलकर इस बारे में किसानों को जागरूक और शिक्षित करें, ताकि वे नुकसान से बचें।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब मिलकर एक राष्ट्र- एक कृषि- एक टीम की थीम पर मजबूती से काम करें और राज्यों स्टाफ के साथ मिल-बैठकर किसानों से संवाद का सिलसिला नियमित होना चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। किसानों के हित में, खरीफ की बुआई के दौरान भी किसानों को सलाह दी जाएं, साथ ही रबी सीजन के पूर्व भी पहले से ही उपाय सुनिश्चित किए जाना चाहिए, ये जिम्मेदारी अधिकारी अपने कंधों पर लें और उसका निर्वहन करें।
बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डा. मांगी लाल जाट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी