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हरियाणा के समृद्ध लोक गीतों, परंपराओं और खान-पान की मिलेगी झलक
एमडीयू में 27 जुलाई को होगा हरियाली तीज का भव्य आयोजन, अधिकारियों की होगी बैठक
रोहतक, 24 जुलाई (हि.स.)। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में हरियाली तीज के पावन पर्व को पारंपरिक उत्साह और भव्यता के साथ मनाने जा रहा है। गुलाब वाटिका में आयोजित होने वाले इस रंगारंग कार्यक्रम में हरियाणा की समृद्ध लोक संस्कृति, परंपराएं और पारंपरिक खानपान की झलक देखने को मिलेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे यादगार बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की अध्यक्षता में तीज आयोजन को लेकर कुलपति कार्यालय में विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने कार्यक्रम को भव्य और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने और समाज में सांस्कृतिक चेतना फैलाने का माध्यम बनते हैं। इस विशेष आयोजन में हरियाणवी तीज गीतों की मधुर स्वर लहरियां गूंजेंगी। पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी महिलाएं झूलों पर झूलती नजर आएंगी और लोक नृत्य प्रस्तुत कर हरियाणा की लोक शैली को जीवंत करेंगी। लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां इस अवसर को और भी खास बनाएंगी। गुलाब वाटिका हरियाणवी रंगों में रंगी दिखाई देगी, जहां लोक परंपराओं की सजीव झलक हर दिशा में महसूस होगी।
खान-पान के शौकीनों के लिए भी कार्यक्रम में खास इंतजाम होगा। पारंपरिक व्यंजन जैसे सुहाली, पुड़े, घेवर, जलेबी और अन्य हरियाणवी मिठाइयों और नमकीन पकवानों का स्वाद इस तीज को और भी रोचक बना देगा। इन व्यंजनों के माध्यम से न केवल स्वाद का आनंद मिलेगा बल्कि हमारी रसोई परंपराओं से भी जुड़ाव महसूस होगा। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विश्वविद्यालय स्टाफ, विद्यार्थियों और आमजन से आह्वान किया है कि वे इस सांस्कृतिक पर्व में पूरे उत्साह और सक्रियता से भाग लें। उन्होंने कहा कि तीज न केवल सौंदर्य और सौभाग्य का पर्व है, बल्कि प्रकृति और सांस्कृतिक चेतना का भी प्रतीक है। इस तरह के आयोजनों से सामाजिक सौहार्द, उत्सवधर्मिता और पारंपरिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार होता है। 27 जुलाई को एमडीयू गुलाब वाटिका हरियाणवी संस्कृति की सुगंध से महकेगी और हर कोना लोक गीतों की गूंज से भर उठेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल