बिलाड़ा और चित्तौड़गढ़ प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक का श्रेष्ठ प्रदर्शन
बिलाड़ा और चित्तौड़गढ़ प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक का श्रेष्ठ प्रदर्शन


- मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना

जयपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। भूमि विकास बैंकों के ऋणी सदस्यों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना को क्रियान्वित करने में बिलाड़ा और चित्तौड़गढ़ प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है। दोनों पीएलडीबी अब तक राज्य औसत से तीन गुना से अधिक राशि की बकाया वसूली कर चुके हैं और प्रदर्शन की दृष्टि से राज्य में क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर हैं।

बिलाड़ा पीएलडीबी 62.03 प्रतिशत वसूली के साथ राज्य में प्रथम स्थान पर है। बैंक की 214 ऋणी सदस्यों पर 4.82 करोड़ रुपये की राशि बकाया थी। इनमें से 184 ऋणी सदस्यों से 1.90 करोड़ रुपये की आंशिक एवं पूर्ण वसूली प्राप्त की गई तथा 1.09 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई। कुल पात्र ऋणी सदस्यों में से लगभग 86 प्रतिशत को योजना के दायरे में लाया जा चुका है। इसी प्रकार, चित्तौड़गढ़ पीएलडीबी 59.48 प्रतिशत वसूली के साथ राज्य में द्वितीय स्थान पर है। यहां 273 ऋणी सदस्यों पर 4.74 करोड़ रुपये बकाया था। इनमें से 110 ऋणी सदस्यों द्वारा पूर्ण राशि 1.45 करोड़ रुपये जमा कराये गए एवं इन्हें 1.27 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई। जबकि, 39 प्रकरणों में ऋणी सदस्यों से 0.10 करोड़ रुपये की आंशिक वसूली प्राप्त हुई है। इस प्रकार, कुल वसूली 2.82 करोड़ रुपये की हुई है।

बिलाड़ा और चित्तौड़गढ़ पीएलडीबी के सचिव ने बताया कि बैंक प्रबंधन द्वारा निरन्तर सक्रिय रहते हुए किये गए विभिन्न प्रयासों की वजह से यह संभव हो सका है। बिलाड़ा पीएलडीबी के सचिव रामसुख चौधरी के अनुसार फील्ड स्टाफ, बैंक स्टाफ एवं बैंक प्रबंधन ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए वसूली के प्रयास किए। बैंक द्वारा ऋणियों से ऋण वितरण के बाद भी निरन्तर गहरा सम्पर्क रखा गया तथा सामाजिक सरोकारों में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई गई। इससे ऋणी सदस्यों का बैंक के साथ जुड़ाव हुआ। साथ ही, ऋणियों का बैंक पर यह भरोसा भी कायम है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें बैंक द्वारा त्वरित कार्रवाई कर नया ऋण उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

चित्तौड़गढ़ पीएलडीबी के सचिव सुनील कुमार व्यास ने बताया कि फील्ड स्टाफ द्वारा नियमित रूप से किसानों से सम्पर्क कर उन्हें योजना की जानकारी दी गई एवं राशि जमा कराने के लिए प्रेरित किया गया। वसूली में सरपंचों एवं सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों का भी सहयोग लिया जा रहा है। अधिक राशि के प्रकरणों में बैंक अध्यक्ष द्वारा व्यक्तिगत रूप से ऋणियों से दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तथा वीडियो कॉल के माध्यम से सम्पर्क साधा गया। साथ ही, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं पारिवारिक रिश्तेदारों के माध्यम से भी किसानों से समझाइश कर योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे वसूली में आसानी हुई। उन्होंने बताया कि अधिक राशि के प्रकरणों में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (खण्ड) एवं उप रजिस्ट्रार के स्तर पर व्यक्तिगत सम्पर्क किया गया तथा एक लाख रुपये से अधिक राशि के प्रत्येक प्रकरण में उनके स्वयं के द्वारा सम्पर्क किया गया।

उल्लेखनीय है कि योजना के अंतर्गत राज्य में 23 जुलाई, 2025 तक कुल पात्र प्रकरणों में से 5,175 प्रकरणों का पूर्ण निस्तारण किया जा चुका है जबकि 2,514 प्रकरणों में ऋणी सदस्यों द्वारा स्वयं के हिस्से की आंशिक राशि जमा करवाई जा चुकी है। अब तक 25.62 प्रतिशत प्रकरणों को योजना के दायरे में लाया जा चुका है। ऋणी सदस्यों के उत्साह के मध्यनजर राज्य सरकार द्वारा योजना की अवधि में वृद्धि करते हुए ऋणी सदस्यों को 30 सितम्बर, 2025 तक खाता निस्तारण करवाने का अवसर प्रदान किया गया है। योजना के अंतर्गत अवधिपार प्रकरणों में ऋणी सदस्यों द्वारा मूल धन जमा करवाने पर ब्याज एवं पेनल्टी में शत प्रतिशत की राहत प्रदान की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप