बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध कर रहे सेवायत गोस्वामियों के समर्थन में पहुंची पूनम पंडित
गाेस्वामी के समर्थन में कांग्रेस नेता पूनम पंडित


बांके बिहारी की गलियों को नष्ट न करे सरकार : पूनम पंडित

मथुरा, 24 जुलाई(हि.स.)। वृंदावन के ऐतिहासिक बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास गठन के लिए लाए गए अध्यादेश के विरोध में 57वें दिन भी स्थानीय लोगों का आंदोलन जारी रहा। इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कांग्रेस की फायरब्रांड नेता पूनम पंडित गुरुवार को वृंदावन पहुंचीं, जहां उन्होंने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध कर रहे सेवायत गोस्वामियों अपना समर्थन दिया। उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूनम पंडित ने मंदिर की कुंज गलियों को बचाने की अपील करते हुए कहा कि इन गलियों की खूबसूरती ही बांके बिहारी की पहचान है।

पूनम पंडित ने बांके बिहारी मंदिर के मुख्य द्वार पर प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ जमीन पर बैठकर विरोध जताया। उन्होंने “कुंज बिहारी श्री हरिदास” का जाप करते हुए कहा “इन कुंज गलियों से ही बांके बिहारी का नाम कुंज बिहारी पड़ा है। सरकार इन गलियों को नष्ट न करे।” उन्होंने आगे कहा कि वृंदावन की इन संकरी गलियों में ही बिहारी जी की लीला की झलक मिलती है और इन्हें खत्म करने का मतलब है वृंदावन की आत्मा को नुकसान पहुंचाना।

पूनम पंडित ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उदाहरण देते हुए कहा, “काशी में कॉरिडोर भले ही सुंदर दिखता हो, लेकिन वहां आम लोग 6-6 घंटे दर्शन के लिए इंतजार करते हैं। छोटे मंदिरों को तोड़ा गया, पंडों को बेघर किया गया। क्या यही सनातन धर्म की रक्षा है?” उन्होंने सरकार से अपील की कि छोटे मंदिरों को विकसित किया जाए ताकि भीड़ का दबाव कम हो और वृंदावन की गलियों की सुंदरता बरकरार रहे।

पूनम ने बांके बिहारी मंदिर की खासियत का जिक्र करते हुए कहा कि यहां बीआईपी दर्शन मुफ्त हैं, जबकि काशी में वीआईपी दर्शन के लिए समय और पैसे की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा- “वृंदावन में गरीब से गरीब और अमीर से अमीर व्यक्ति आधे घंटे में दर्शन कर लेता है। यह समानता बांके बिहारी की खासियत है।” उन्होंने ब्राह्मण विधायकों से इस मुद्दे को विधानसभा और संसद में उठाने की मांग की। पूनम पंडित ने ऐलान किया कि वह इस मुद्दे को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के माध्यम से लोकसभा में उठवाएंगी। पुलिस द्वारा रोके जाने पर उन्होंने कहा- “मैं इन गलियों में पहले भी आती रही हूं, और आगे भी आती रहूंगी। यह कोई नया मुद्दा नहीं है, मैं वृंदावन की बेटी की तरह यहां आती हूं।” उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा हिंदू धर्म की बात तो करती है लेकिन उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश तक कांवरियों के लिए सुविधाएं नहीं बना पाई।

पूनम पंडित ने सरकार से अपील की कि वह बांके बिहारी की कुंज गलियों को नष्ट करने की बजाय उनकी खूबसूरती को संरक्षित करे। उन्होंने कहा “इन गलियों में ही बिहारी जी की लीला बसी है। इनका विनाश वृंदावन की आत्मा को चोट पहुंचाएगा।” प्रदर्शन में शामिल स्थानीय लोगों ने भी पूनम पंडित के समर्थन में नारे लगाए और कॉरिडोर अध्यादेश को वापस लेने की मांग की।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार