Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रायपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। मशरूम का उत्पादन किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक अच्छा साधन है। इसे साल भर एक छोटे से कमरे के माध्यम में थोड़ा सा समय देकर आसानी से किया जा सकता है। यही कारण है कि किसान विशेषकर महिला किसानों में मशरूम उत्पादन के प्रति विशेष रूचि देखी जाती है। इसी दृष्टि से कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ में मशरूम उत्पादन पर एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ.बी.एस. राजपूत ने बताया कि धान फसल के अवशेषों का उपयोग करते हुए मशरूम उत्पादन किया जा सकता है। इससे कृषक अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं। यह एक अत्यधिक लाभकारी व्यवसाय है, जिससे कम लागत से अधिक मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।
प्रशिक्षण में महिलाएं किसान, स्व-सहायता समूह की महिलाएं सहित कुल 22 किसान शामिल हुए। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ.मनीषा चौधरी, वैज्ञानिक (आहार एवं पोषण) ने मशरूम के पोषण मूल्य एवं औषधीय महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मशरूम उत्पादन की तकनीक एवं मशरूम बीज उत्पादन के प्रायोगिक विधि के साथ-साथ वीडियो और चल-चित्र के माध्यम से जानकारी दी। प्रगतिशील मशरूम उत्पादक किसान श्री गोपाल पटेल के साथ प्रक्षेत्र भ्रमण भी कराया गया। उन्होंने मशरूम उत्पादन की चुनौतियों और इसके व्यापारिक लाभों के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
हिन्दुस्थान समाचार / गायत्री प्रसाद धीवर