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जबलपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को जबलपुर कलेक्ट्रेट में राजस्व अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें कलेक्टर दीपक सक्सेना,अपर कलेक्टर मिशा सिंह व नाथूराम गोंड सहित सभी राजस्व अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मुख्य रूप से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए बनाए गए नवीन व्यवस्था के संबंध में चर्चा की गई।
कलेक्टर सक्सेना ने इस नवीन व्यवस्था को राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेहतरी की दिशा में बढ़ते कदम कहा। साथ ही कहा गया कि राजस्व न्यायालयीन एवं गैर न्यायालयीन कार्यों के लिये अलग-अलग नियुक्त राजस्व अधिकारी अपने-अपने दायित्व को पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी तथा तत्परता से करे। जिससे प्रकरणों के निराकरण में सकारात्मक परिणाम सामने आयें और प्रकरणों का समय-सीमा के भीतर निराकृत हो। पहले राजस्व अधिकारियों को बहुत से प्रशासनिक कार्यों के कारण कोर्ट में बैठने लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत न्यायालयों में पूर्णकालिक राजस्व मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी गई है। इससे प्रकरणों के निराकरण में निश्चित गति मिलेगी।
बैठक में कुछ प्रासंगिक संसाधन व चुनौतियों के संबंध हुए चर्चा में कहा गया कि अभी तो शुरुआती दौर है, आवश्यकता अनुसार इस प्रणाली में सुधार भी किया जाएगा। फिलहाल स्थानीय उपलब्ध संसाधनों से व्यवस्था अनुरूप कार्य कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाए।
अपडेटेड राजस्व रिकॉर्ड रूम का अवलोकन
प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने जबलपुर प्रवास के दौरान गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपडेटेड राजस्व रिकॉर्ड रूम का अवलोकन किया। इसके पूर्व उन्होंने पुराने राजस्व रिकॉर्ड रूम को भी देखा। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि पहले राजस्व रिकॉर्ड को खोजने में काफी समय लगता था, लेकिन अब इस अपडेटेड रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध सभी राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन है,जिसे आसानी से खोजा जा सकता है। साथ ही रिकॉर्ड अब लंबे समय तक के लिए सुरक्षित रहेंगे।
गोरखपुर तहसील का निरीक्षण
प्रमुख सचिव पोरवाल और कलेक्टर सक्सेना ने गुरुवार को तहसील कार्यालय गोरखपुर का निरीक्षण किया। जिसमें नये सेटअप में जिले में राजस्व न्यायालयीन एवं गैर न्यायालयीन कार्यों के लिये अलग-अलग राजस्व अधिकारियों को नियुक्त व उनके कार्य प्रणाली को देखा गया।
उल्लेखनीय है कि जिले के सभी राजस्व न्यायालयों में आज 22 जुलाई से पूर्णकालिक न्यायिक कार्य करना प्रारंभ हो गया है। जिसमें अब पीठासीन अधिकारी राजस्व न्यायालयों में कार्यदिवसों के दौरान प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक न्यायिक कार्य कर रहे है। नवीन व्यवस्था के निश्चित रूप से ऐतिहासिक है, जिससे प्रकरणों के निराकरण में सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे और प्रकरणों का समय सीमा के भीतर निराकरण होंगे। क्योंकि पहले राजस्व अधिकारियों को बहुत से प्रशासनिक कार्यों के कारण कोर्ट में बैठने लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत न्यायालयों में पूर्ण कालिक राजस्व मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी गई है। निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने तहसीलदार कोर्ट, अतिरिक्त तहसीलदार कोर्ट के कार्यप्रणाली को देखा। साथ ही राजस्व अधिकारियों और अधिवक्ताओं के साथ नए सेटअप के संबंध में चर्चा कर इसे और बेहतर बनाने के सुझाव भी लिए। कलेक्टर सक्सेना ने इस नवीन व्यवस्था को राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेहतरी की दिशा में बढ़ते कदम कहा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर