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कानपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। कानपुर मेट्रो की टीम कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक यात्री सेवाओं के विस्तार के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। समय की बचत के लिए सभी स्टेशनों पर सिविल निर्माण कार्यों के साथ-साथ सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी किया जा रहा है। सभी स्टेशनों पर मेक इन इंडिया अभियान के तहत देश में बने लिफ्ट और एस्केलेटर इंस्टॉल किए जा रहे हैं। हमारी पूरी टीम और कार्यदायी संस्थाएं सुनियोजित ढंग से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं। यह जानकारी गुरुवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने दी।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत दो चरणों में आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेवा का विस्तार किया जा चुका है। अब तीसरे चरण में कानपुर मेट्रो को नौबस्ता तक ले जाने की तैयारियां जोरों पर है। इस कड़ी में कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक कुल सात स्टेशनों झकरकटी, ट्रांसपोर्ट नगर, बारादेवी, किदवई नगर, बसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता में लिफ्ट व एस्केलेटर इंस्टॉल करने का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इन सात में से दो स्टेशन झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर अंडरग्राउंड हैं। तो वहीं बाकी के पांच स्टेशन बारादेवी, किदवई नगर, बसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता एलिवेटेड हैं। बता दें कि स्टेशनों पर लग रहे सभी एस्केलेटर और लिफ्ट का निर्माण मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत में ही किया गया है।
कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी- नौबस्ता) के अंतर्गत बैलेंस सेक्शन यानी कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक सात स्टेशनों पर प्रवेश द्वारों से कॉनकोर्स तक जाने के लिए और कॉनकोर्स से प्लैटफॉर्म तक जाने के लिए कुल मिलाकर 23 एस्केलेटर और 26 लिफ्ट लगाए जाने हैं। जिनकी शुरुआत की जा चुकी है। अंडरग्राउंड स्टेशनों में प्रत्येक पर तीन लिफ्ट और चार एस्केलेटर तथा एलिवेटेड स्टेशनों में प्रत्येक पर चार लिफ्ट और तीन एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। अब तक सातों स्टेशन को मिलाकर कुल 23 में से 11 एस्केलेटर और कुल 26 में से 10 लिफ्ट इंस्टॉल किए जा चुके हैं। इन स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर के इंस्टॉलेशन के साथ लोड टेस्टिंग की प्रक्रिया भी की जा रही है।
बता दें कि कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के तहत इस्तेमाल किए जाने वाले ये सभी एस्केलेटर और लिफ्ट मेक इन इंडिया मुहिम के तहत चेन्नई में निर्मित हैं। मेट्रो में इंस्टॉल किए जा रहे एस्केलेटर और लिफ्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये पर्यावरण हितैषी हैं। मेट्रो की लिफ्ट में रिजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। मेट्रो के स्मार्ट एस्केलेटर एक निश्चित समय तक उपयोग नहीं होने पर ऊर्जा संरक्षण के लिए स्वतः रुक जाते हैं। सुरक्षा के मद्देनजर, आपातकालीन स्थिति में एस्केलेटर को तुरंत रोकने के लिए तीन आपातकालीन स्टॉप बटन की व्यवस्था भी है। ये एस्केलेटर ऑटोमेटिक अनाउंसमेंट के माध्यम से यात्रियों को हैंड रेल पकड़ने के लिए सुरक्षा निर्देश भी देते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप