रतिया के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी, बीईओ को सौंपा ज्ञापन
रतिया। खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते प्रतिनिधिमंडल सदस्य।


फतेहाबाद, 24 जुलाई (हि.स.) भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और इंकलाबी नौजवान सभा शिक्षा सुधार ने रतिया क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर चिंता जताई है। इस मामले को लेकर संगठनों का प्रतिनिधिमंडल गुरूवार को जिला अध्यक्ष निर्भय सिंह रतिया के नेतृत्व में खंड शिक्षा अधिकारी रतिया से मिला और ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने प्राइमरी स्कूल रतिया और जाखन दादी विद्यालय में शिक्षकों की संख्या में भारी कमी को लेकर चिंता जताई। प्रतिनिधियों ने बताया कि इन स्कूलों में सैकड़ों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या इतनी कम है कि एक ही शिक्षक को कई कक्षाएं संभालनी पड़ती हैं। इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। जाखन दादी स्कूल में जहां पांच शिक्षकों की आवश्यकता है, वहां मात्र दो स्थायी शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं रतिया के प्राइमरी स्कूल में भी शिक्षकों की भारी कमी देखी गई है। गुरप्रीत सिंह गोपी ने कहा कि बच्चों की नींव मजबूत करने की जिम्मेदारी प्राथमिक विद्यालयों पर होती है। अगर यहां शिक्षक ही नहीं होंगे तो हम कैसी पीढ़ी तैयार करेंगे।

संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार और शिक्षा विभाग इस गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान नहीं देता है, तो भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और इंकलाबी नौजवान सभा इस आंदोलन को और तेज करेंगे। पंचायत स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ शिक्षा का सवाल नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों की लड़ाई है। निर्भय सिंह ने कहा कि हम सिर्फ खेती-किसानी के मुद्दे नहीं उठाते, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार भी हमारी प्राथमिकता में हैं। शिक्षा व्यवस्था का मजबूत होना ही देश के भविष्य की गारंटी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा