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पुलिस पर भी मिलीभगत का लगाया आरोप, उपायुक्त से मिलकर लौट रहे किसान व खाप नेताओं का षडयंत्र के तहत किया गया था घेराव
हरियाणा रोजगार कौशल निगम में शामिल करने की मांग को लेकर करीब दो महीने से धरने पर बैठे अनुबंधित कर्मचारियों की मांग पूरी तरह से जायज
रोहतक, 24 जुलाई (हि.स.)। खाप पंचायत व किसान संगठनों ने गुरुवार को मेडिकल मोड से लेकर लघु सचिवालय तक पैदल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कारवाई ना करने का आरोप लगाया। खाप व किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि किसान नेत्री सुमन हुड्डा का ठेकेदार के कर्मचारियों ने एक षडयंत्र के तहत घेराव किया था, लेकिन अभी तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की है।
खाप व किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर दो दिन के अंदर आरोपियों के खिलाफ सख्त कारवाई नहीं की तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। दरअसल दो दिन पहले किसान नेताओं ने रोहतक उपायुक्त से पीजीआई में चल रहे अनुबंधित कर्मचारियों के धरने से संबंधित मामले को लेकर मुलाकात की थी और जब किसान नेता बैठक से बाहर आए तो ठेकेदार के कर्मचारियों ने एक षडयंत्र के तहत किसान नेताओं का घेराव किया था। खाप व किसान संगठनों का कहना है कि पीजीआई में अनुबंधित कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल करने की मांग को लेकर करीब दो महीने से हड़ताल पर है, लेकिन अभी तक सरकार के कानो पर जूंह तक नहीं रेग रही है। ठेकेदार द्वारा एक षडयंत्र के तहत शांतिप्रिय आंदोलन को लगातार कूचलने का का प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
खाप व किसान संगठनों के सुमन, प्रदीप, ओमप्रकाश धनखड, हरदीप अहलावत ने बताया कि राजनीतिक दबाव के चलते आरोपियों के खिलाफ पुलिस कोई ठोस कारवाई नहीं कर रही है। पीजीआई में धरने पर बैठे अनुबंधित कर्मचारियों की मांग पूरी तरह से जायज है, क्योकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि ठेका प्रथा को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत ही कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा, लेकिन पीजीआई प्रबंधन ठेकेदार के दबाब में काम कर रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों को प्रताडि़त होना पड़ रहा है। खाप व किसान संगठनों ने कहा कि वह पूरी तरह से धरने पर बैठे अनुबंधित कर्मचारियों के साथ है और अगर दो दिन में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कारवाई नहीं की तो उतर भारत की सभी खाप व किसान संगठन एकजुट होकर आंदोलन करने पर मजबूर होगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल