झाबुआ: टास्क फोर्स समिति सदस्यों ने कहा- जिले में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की अत्यधिक सम्भावनाएँ
टास्क फोर्स समिति की बैठक


झाबुआ, 24 जुलाई (हि.स.)। जिले में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की अत्यधिक सम्भावनाएँ हैं। अब आवश्यकता है कि मिशन मोड पर इसका क्रियान्वयन किया जाए। यह बात टास्क फोर्स समिति के सदस्यों द्वारा जिलाध्यक्ष कार्यालय में आयोजित टास्क फोर्स समिति की बैठक के दौरान कही गई। टास्क फोर्स समिति के सदस्य जिले के ग्राम चारणकोटड़ा, साड़ एवं बेडावली भ्रमण के दौरान सामुदायिक वन अधिकार दावों में प्राप्त जानकारी की विस्तृत समीक्षा के दौरान अपना मत व्यक्त कर रहे थे।

बैठक में शासन द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं पेसा कानून के क्रियान्वयन हेतु गठित टास्क फोर्स समिति के सदस्य गिरीश कुबेर, डॉ. शरद चंद लेले, कालू सिंह मुजालदा एवं डॉ. मिलिंद दानडेकर, सहित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनल जसवंत भाबोर, वनमंडलाधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद तनुश्री मीणा, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सुप्रिया बिसेन, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ भास्कर गाचले एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर नेहा मीना ने की।

आयोजित बैठक में टास्क फोर्स समिति सदस्यों ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन के लिए झाबुआ जिले में अच्छे प्रयास किए गए हैं। जिले में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की अत्यधिक सम्भावनाएँ है। अब आवश्यकता है कि मिशन मोड पर इसका क्रियान्वयन किया जाए। टास्क समिति द्वारा जिले के ग्राम चारणकोटड़ा, साड़ एवं बेडावली भ्रमण के दौरान सामुदायिक वन अधिकार दावों में प्राप्त जानकारी की विस्तृत समीक्षा की गई, तथा इन गांवों में सामुदायिक वन अधिकार दिए जाने के लिए हुई प्रक्रिया की सराहना की गई। टास्क फोर्स समिति सदस्यों द्वारा वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा में कहा गया कि वन विभाग वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु संवेदना पूर्वक कार्य करें एवं ग्राम स्तर पर प्रबंधन समितियाँ सुचारु रूप से क्रियान्वयन करें।

बैठक की अध्यक्षता कर रही कलेक्टर नेहा मीना द्वारा वन अधिकार अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन हेतु निचले अमले का प्रशिक्षण कराए जाने की बात कही साथ ही समिति सदस्यों को आश्वस्त किया गया कि चार ग्रामों में चल रही सामुदायिक वन अधिकार दावों के निराकरण की प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी, और व्यक्तिगत वन अधिकार दावों के निराकरण जल्द से जल्द कराए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा