आपदा प्रभावितों की राहत के लिए हिमाचल सरकार के काम धीमें और अपर्याप्त : जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर


शिमला, 24 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनज़र नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने वीरवार काे दिल्ली में केंद्र सरकार से हिमाचल को अधिक आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जयराम ठाकुर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, ऊर्जा और शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की।

उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि वह हिमाचल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्वयं दौरा करें और राहत कार्यों की समीक्षा करें। इस दौरान सभी केंद्रीय नेताओं ने हिमाचल को हरसंभव सहयोग देने का भरोसा दिया।

दिल्ली प्रवास के दौरान जयराम ठाकुर ने एक पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार पर राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को तेजी से राहत कार्य करने चाहिए थे, लेकिन सड़कों की बहाली, बिजली-पानी की सुविधा और मलबा हटाने के काम अभी भी धीमी गति से चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हिमाचल की आर्थिकी का आधार बागवानी, कृषि और फूलों की खेती है, लेकिन सड़कों के अवरुद्ध रहने से किसान अपना उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि वर्ष 2023 की आपदा के बाद केंद्र सरकार ने 5150 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता हिमाचल को दी थी, जो अब तक की सबसे बड़ी सहायता है। लेकिन दुख की बात यह है कि राज्य सरकार यह राशि प्रभावित लोगों तक ठीक से नहीं पहुंचा पाई। उन्होंने कहा कि आपदा राहत में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।

पत्रकारों द्वारा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के विदेश दौरे पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आपदा के समय मंत्री का प्रदेश में होना जरूरी था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आपदा के नौ दिन बाद सराज क्षेत्र पहुंचे, जबकि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही वहां पहुंच गए थे।

इस दौरान जयराम ठाकुर ने सरकाघाट के मसेरन में हुए बस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने घायलों के बेहतर इलाज की मांग करते हुए हादसे की जांच की भी अपील की। साथ ही मंडी के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और समाजसेवी डॉ. राजेंद्र कुमार राजू के निधन पर भी शोक प्रकट करते हुए इसे समाज की अपूरणीय क्षति बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला