Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-संयुक्त राष्ट्र में वार्ता से पहले ईरानी वार्ताकार गरीबाबादी का कड़ा रुख, यूरोपीय देशों को दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र/तेहरान, 24 जुलाई (हि.स.)। ईरान ने बुधवार को संकेत दिया है कि अगर यूरोपीय देशों ने उस पर दोबारा प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया, तो वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से पारंपरिक रूप से बाहर निकलने वाला दूसरा देश बन सकता है। यह बयान ईरानी उप विदेश मंत्री और वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार काजेम गरीबाबादी ने उस वक्त दिया जब शुक्रवार को ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ होने वाली अहम बैठक से पहले राजनयिक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
गरीबाबादी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, अगर स्नैपबैक प्रावधान के तहत प्रतिबंध फिर से लगाए जाते हैं, तो ईरान और संयम नहीं बरतेगा। उन्होंने कहा कि ईरान ने अब तक 1970 की परमाणु अप्रसार संधि का पालन किया है, जबकि देश के भीतर से इस संधि से हटने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर हालिया इजराइली और अमेरिकी हमलों के बाद।
गरीबाबादी ने यूरोपीय देशों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, अगर यूरोप की नीतियां अमेरिका के अनुरूप ही होंगी, तो हमारे लिए उनके साथ बातचीत का क्या अर्थ रह जाएगा? फिर हम सीधे अमेरिका से ही क्यों न बात करें? उन्होंने कहा कि राजनयिक प्रयास और संवाद से इस संकट को टाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए यूरोप को स्वतंत्र रुख अपनाना होगा।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची और गरीबाबादी दोनों ने उम्मीद जताई है कि आगामी शुक्रवार की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है, जिससे प्रतिबंधों और संधि से बाहर निकलने की नौबत टल सके।
दरअसल, यह संकट 2015 के परमाणु समझौते से जुड़ा है, जिससे अमेरिका डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में बाहर निकल गया था। अब अमेरिका फिर से ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर नई डील की कोशिशें कर रहा है। वहीं यूरोपीय देशों ने अगस्त तक कोई प्रगति नहीं होने की स्थिति में ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। लेकिन अगर प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो वह उत्तर कोरिया (2003) के बाद दूसरा देश होगा, जो एनपीटी से बाहर निकलने की घोषणा करेगा।
--------------------
हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय