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पूर्वी सिंहभूम, 24 जुलाई (हि.स.)। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने डुमरिया प्रखंड के कांटाशोला गांव में मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना के अंतर्गत विकसित माइक्रो इकोनॉमिक जोन का निरीक्षण किया। गुरुवार को निरीक्षण के दौरान उपायुक्त भूमि पर बैठकर महिलाओं, किसानों और युवाओं से सीधे संवाद किए। उन्होंने उनकी आजीविका आधारित गतिविधियों की जानकारी ली और इन गतिविधियों के विस्तार पर बल दिया।
उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना, आत्मनिर्भरता बढ़ाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए समुदाय की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और तकनीकी प्रशिक्षण एवं आधुनिक संसाधनों से ग्रामीणों को समर्थ बनाया जाना आवश्यक है।
कांटाशोला माइक्रो इकोनॉमिक जोन के तहत स्थानीय महिलाओं और किसानों को प्रशिक्षण उपरांत कृषि आधारित कार्यों जैसे नर्सरी, किचन गार्डन, सौर ऊर्जा से सिंचाई, जल संरक्षण, पशुपालन एवं पोल्ट्री विकास, पशु टीकाकरण के साथ-साथ लघु उद्यम जैसे हॉलर एवं ग्राइंडिंग मशीन, आटा चक्की, तेल मिल, सैनिटरी नैपकिन निर्माण तथा भंडारण और विपणन के लिए गोदाम निर्माण से जोड़ा गया है।
उपायुक्त ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि लघु उद्यमों से जुड़ी महिलाओं और किसानों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षण देकर इन गतिविधियों से जोड़ा जाए। साथ ही, तकनीकी गतिविधियों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गतिविधि का सतत मूल्यांकन हो, ताकि उसका क्रियान्वयन प्रभावी रहे और पारदर्शिता, जवाबदेही तथा लाभुकों को निरंतर सहयोग प्राप्त होता रहे।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की भी बात कही और कहा कि माइक्रो इकोनॉमिक जोन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रभावी माध्यम है। इससे स्थानीय किसानों और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ेगी तथा स्थायी आजीविका के अवसर सृजित होंगे। अंत में उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी, समावेशी और परिणामपरक हो, ताकि राज्य सरकार का ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य पूर्ण रूप से साकार हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक