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इंदौर, 24 जुलाई (हि.स.)। निगम इंदौर के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग प्रभारी राजेश उदावत की अध्यक्षता में हुई। बैठक का प्रमुख उद्देश्य नगर निगम द्वारा किए जा रहे डिजिटलाईजेशन कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना एवं आगामी योजनाओं पर चर्चा करना रहा। बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक प्रजेंटेशन प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसमें नागरिकों को मिलने वाली डिजिटल सेवाओं की जानकारी दी गई।
बैठक में प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि अब आम नागरिक अपनी संपत्ति कर, जल कर एवं कचरा प्रबंधन शुल्क की जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म से प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, वे अपने कर का भुगतान ऑनलाइन माध्यम (क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग) अथवा नगद रूप में नगर निगम के खजाने में जमा कर सकेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी एवं नागरिकों को लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी।बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि नगर निगम इंदौर द्वारा नागरिकों से संबंधित लगभग 9.50 लाख दस्तावेजों का डिजिटलाईजेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका है। आगामी एक वर्ष के भीतर 90 लाख दस्तावेजों को डिजिटलाईज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी और त्वरित होंगी।
इसी क्रम में यह भी उल्लेख किया गया कि नगर निगम इंदौर द्वारा विगत वर्षों में 136 अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया है एवं आगामी 5 अगस्त 2025 तक 11 कॉलोनियों को वैध किए जाने की कार्ययोजना पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई एवं उनके डिजिटलाईजेशन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई। इस बैठक में पार्षद राजीव जैन, शिखा संदीप दुबे, विनीता धर्मेंद्र मौर्य मृदुल अग्रवाल, सीमा कृष्ण वल्लभ डाबी, रूपाली अरुण पेंढारकर उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर