दरंग और उदालगुरी में स्वास्थ्य एवं सिंचाई परियोजनाओं का मंत्री अशोक सिंघल ने किया निरीक्षण
दरंग और उदालगुरी में स्वास्थ्य एवं सिंचाई परियोजनाओं का निरीक्षण करते हुए मंत्री अशोक सिंघल।


गुवाहाटी, 24 जुलाई (हि.स.)। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल ने आज दरंग और उदालगुरी जिलों का दौरा किया। अपने दौरे के दौरान मंत्री ने दरंग जिले में तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया।

सुबह सबसे पहले उन्होंने सिपाझार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, जहां फार्मेसी, प्रयोगशाला, प्रसव कक्ष तथा इनडोर मरीजों की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद एक बैठक में उन्होंने अस्पताल के संचालन और क्षेत्रीय स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर अधिकारियों से बातचीत की।

इसके पश्चात उन्होंने पथरूघाट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया और 'स्वस्थ्यवान असम' कार्यक्रम के तहत लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता बढ़ाने की अपील की।

दोपहर में मंत्री सिंघल ने मंगलदै सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डिजिटल पंजीकरण की सुविधा को शीघ्र लागू करने के निर्देश संयुक्त स्वास्थ्य सेवा निदेशक को दिए। निरीक्षण से पहले हुई एक बैठक में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. उत्पल बरुवा ने ढांचागत समस्याओं को लेकर मंत्री को अवगत कराया।

निरीक्षण के दौरान सिपाझार के विधायक डॉ. परमानंद राजवंशी, मंगलदै के विधायक बसंत दास, मीन विकास निगम के चेयरमैन गुरुज्योति दास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज चौधरी, जिला आयुक्त पराग काकति, डॉ. दीप्ति बरुवा समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने अस्पताल परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।

दोपहर बाद मंत्री अशोक सिंघल ने उदालगुरी जिला सिविल अस्पताल का दौरा किया, जो 200-बेड की सुविधा से युक्त है। उन्होंने पंजीकरण कक्ष, डायलिसिस यूनिट और मातृ-प्रसव कक्ष समेत सभी वार्डों का निरीक्षण किया और मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी। बैठक में अस्पताल की समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। मंत्री ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जिम्मेदारी से कार्य करने का आह्वान किया।

शाम को मंत्री सिंघल ने उदालगुरी जिले के भैरवकुंड में स्थित धनशिरी सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया। परियोजना के बांधों की सुरक्षा और मरम्मत को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने मुख्य अभियंता को हर वर्ष परियोजना की मरम्मत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही नदी में बैरिकेड निर्माण और नहरों की मरम्मत पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए।

धनशिरी नदी में मौजूद बड़े-बड़े पत्थरों को हटाने के लिए मंत्री ने वन विभाग और जल संसाधन विभाग को समन्वय स्थापित कर सात दिनों के भीतर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से भी समस्याएं सुनीं।

इस निरीक्षण बैठक में बीटीआर के उपमुख्य कार्यकारी सदस्य और स्थानीय विधायक गोविंद बसुमतारी, मीन विकास निगम के अध्यक्ष गुरुज्योति दास, अखिल बोडो छात्र संघ के अध्यक्ष दीपेन बोडो, जिला आयुक्त पुलक पाटगिरि, जल संसाधन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश