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जयपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। हरियाली अमावस्या पर गुरुवार को छोटीकाशी में धार्मिक आयोजनों की धूम रही। पर्यावरण के प्रति प्रेम और गौ सेवा का अनूठा संगम भी देखने को मिला। सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, शिववास योग और अमृतसिद्धि योग जैसे अनेक शुभ संयोगों में श्रद्धालुओं ने पितृ पूजन, पौधरोपण और शिव आराधना कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया। पितरों के लिए तर्पण कर उन्हें स्मरण किया। कई धार्मिक संस्थाओं एवं श्रद्धालुओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक पौधरोपण किया। हरियाली अमावस्या पर आमागढ़ स्थित नाहरसिंह मंदिर में मेले का आयोजन हुआ। हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने मंदिर पहुंचे। महंत पं. रमेश आचार्य ने बुधवर मध्य रात्रि बाद नाहर सिंह बाबा का पंचामृत से अभिषेक किया। चोला चढ़ाने के बाद नवीन पोशाक धारण कराई गई। श्रृंगार के बाद फूल बंगला झांकी सजाई। पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। बड़ी संख्या में पदयात्राएं मंदिर पहुंची। मंदिर के आसपास अस्थायी दुकाने लगी रही।
आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर हल्के काले रंग की पोशाक धारण कराई गई। सुगंधित फूलों और चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने विशेष झूला झांकी के दर्शन किए।
गौशालाओं में की गौ सेवा
इस अवसर पर विभिन्न गौशालाओं में गौ सेवा और गौ महादान कार्यक्रमों का आयोजन भी श्रद्धा भाव से सम्पन्न हुआ।
अजमेर रोड स्थित श्री रामदेव गौशाला (चैतन्यधाम), बगरू में गौसेवा परिवार समिति की ओर से अमावस्या भगवन् नाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। गायों को हरा चारा, गुड़ खिलाया गया। इसके बाद संगीतमय गौ संकीर्तन किया गया। गोप-गोपिका बाल मंडली ने भक्ति भाव से सेवा की। म्हारे घरां पधारो श्याम संस्था मानसरोवर की ओर से गांव किवाड़ा स्थित संत प्रकाशदास जी महाराज की गौशाला में गौदान महादान कार्यक्रम आयोजित किया गया। रतन कट्टा एवं अन्य ने खाद्य सामग्री एकत्र कर गौशाला में पहुंचाई।
24 घंटे का अखंड संकीर्तन आयोजित
हरियाली अमावस्या पर नांगल तुलसीदास स्थित श्री राधे गोविन्ददेव मंदिर में बड़े दादा गुरुदेव आचार्य सरस माधुरी शरण जी के प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष में 24 घंटे का अखंड संकीर्तन आयोजित किया गया। मंदिर महंत चिरंजीव दास महाराज के सान्निध्य में अखंड संगीतमय रामध्वनी (संकीर्तन) प्रारंभ हुआ, जिसका संचालन श्याम लाल खोरा वाले ने किया। मंदिर पुजारी सुरेश कुमार ने बताया कि यह आयोजन हरियाली अमावस्या और गुरुदेव के प्राकट्य दिवस को समर्पित रहा।
मंदिर में भगवान श्री राधे गोविन्द देव जी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर नवीन पोशाक धारण कराई गई। भगवान शंकर का दुग्धाभिषेक कर बिल्वपत्र और पुष्पों से विशेष श्रृंगार किया गया।
चिरंजीव दास महाराज ने बताया कि बड़े दादा गुरु सरस माधुरी शरण जी एक महान रसिक संत थे, जिन्होंने जयपुर के सरस निकुंज में ठाकुर जी की सेवा की और वृंदावन में भी लीलाएं कीं। उनके शिष्यगणों में कृष्ण भक्त याकूब जैसे संत भी शामिल थे। इस अवसर पर बजरंग लाल राव, हनुमान सहाय गुर्जर, श्याम लाल, विष्णु कुमार, रमेश राव, सीताराम सैनी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश