हिसार : प्रतिभागी समझें कि स्टार्टअप के किस चरण के लिए कौन सा फंडिंग मॉडल उपयुक्त : डॉ. कर्मपाल नरवाल
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण एवं प्रतिभागी।


एचएसबी में एफडीपी के तीसरे दिन स्टार्टअप फाइनेंस और बिजनेस मॉडलिंग पर गहराई से चर्चाहिसार, 24 जुलाई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) की ओर से शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (एमआईसी) और एआईसीटीई के सहयोग से जारी फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) ऑन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के तीसरे दिन प्रतिभागी शिक्षकों को स्टार्टअप फाइनेंसिंग और रणनीतिक बिजनेस मॉडलिंग के महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत ज्ञान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आए प्रतिभागी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।दिन की शुरुआत एचएसबी के प्रोफेसर ऑफ फाइनेंस और डीन डॉ. कर्मपाल नरवाल के सत्र से हुई, जिनका विषय था ‘स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय प्रबंधन’। डॉ. नरवाल, जो वित्त और उद्यमिता के क्षेत्र में एक अनुभवी शिक्षाविद् एवं नीति विशेषज्ञ हैं, ने स्टार्टअप के जीवन चक्र में वित्तीय योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने उभरते हुए उद्यमियों के लिए उपलब्ध विभिन्न वित्तपोषण विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना और सिडबी जैसी सरकारी योजनाओं से लेकर एंजल इन्वेस्टमेंट, वेंचर कैपिटल और बैंक फाइनेंसिंग जैसे परिष्कृत विकल्प शामिल थे।डॉ. नरवाल ने विभिन्न प्रकार के निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता, रिटर्न की अपेक्षाएं और उनके परिचालन में शामिल होने के स्तर में अंतर को समझाया, जिससे प्रतिभागी यह समझ सके कि स्टार्टअप के किस चरण के लिए कौन सा फंडिंग मॉडल उपयुक्त होता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि वित्तीय साक्षरता और नकदी प्रवाह प्रबंधन किसी भी उद्यम की स्थिरता और वृद्धि के लिए आवश्यक है। दिन के शेष सत्र रिपोजिटरी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं सीईओ नितिन गोयल द्वारा संचालित किए गए। नितिन गोयल ने व्यावहारिक अनुभवों से समृद्ध दो सत्रों का संचालन किया, जिनका केंद्र बिंदू था—बिजनेस मॉडल कैनवस (बीएमसी)। बीएमसी एक ऐसा रणनीतिक उपकरण है जो विश्वभर में स्टार्टअप विचारों को संरचित करने, दृश्य रूप देने और संप्रेषित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। पहले सत्र ‘बिजनेस मॉडल कैनवस एक रणनीतिक उपकरण के रूप में’ में नितिन गोयल ने बीएमसी के नौ निर्माण खंडों-जैसे कि प्रमुख साझेदार, मूल्य प्रस्ताव, ग्राहक संबंध, और राजस्व स्रोत-की विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने समूहों में विभाजित प्रतिभागियों को काल्पनिक स्टार्टअप विचारों के लिए बीएमसी का उपयोग करते हुए व्यवसाय मॉडल तैयार करने का कार्य दिया। इस गतिविधि ने रचनात्मक सोच, समूह सहयोग और रणनीतिक मूल्यांकन को प्रोत्साहित किया। शिक्षकों ने इस सत्र को विशेष रूप से सराहा क्योंकि इससे उन्हें ऐसे व्यावहारिक उपकरण प्राप्त हुए जिन्हें वे कक्षा शिक्षण या इनक्यूबेशन सेंटर में मार्गदर्शन के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर