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कानपुर, 24 जुलाई (हि. स.)। यह पुस्तक कानपुर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह न केवल वर्तमान पीढ़ी को अपने नगर की पौराणिक पहचान से जोड़ने में सहायक होगी, बल्कि शहर को एक सांस्कृतिक रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगी। यह बातें गुरूवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में लेखक डॉ. राजेश बाजपेई द्वारा संकलित जनपद कानपुर के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों पर आधारित पुस्तक ‘देवालय’ का विमोचन करते हुए कही।
जिलाधिकारी ने बताया कि पुस्तक का विमोचन मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, प्रभागीय वन अधिकारी दिव्या, तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जाने-माने चिकित्सक एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश बाजपेई द्वारा वर्षों के गहन शोध एवं अध्ययन के उपरांत लिखी गई है। 'देवालय' में कानपुर नगर के प्राचीन मंदिरों, धार्मिक स्थलों, उनसे जुड़ी किंवदंतियों, पौराणिक कथाओं एवं सांस्कृतिक धरोहरों को चित्रात्मक रूप में अत्यंत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में कानपुर नगर एवं कानपुर देहात जनपद के 150 से अधिक मंदिरों को शामिल किया गया है और उनके स्थापत्य, पौराणिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पहलू को दर्शाया गया है।
लेखक डॉ. राजेश बाजपेई ने बताया कि वर्षों से उनकी यह अभिलाषा थी कि नगर के उपेक्षित धार्मिक स्थलों की ऐतिहासिक महत्ता को जनमानस तक पहुँचाया जा सके। ‘देवालय’ उसी प्रयास का प्रथम प्रतिफल है।
इस मौके पर संतोष चंद्र बाजपेई, बृजेश बाजपेई, अनिल साहू, शरद कक्कड़ सहित अन्य गणमान्यजन भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद