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खाद की कमी नहीं तो गई कहां, चहेते व्यापारियों ने स्टोर भरे, किसान हो रहे शोषित
हिसार, 24 जुलाई (हि.स.)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह ने हरियाणा के कृषि मंत्री के उस बयान को किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी के कारण फसलों की बुवाई नहीं हो रही और बोई हुई फसलें खराब हो रही है। किसान, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं सुबह से लेकर देर शाम तक खाद बिक्री केन्द्रों पर लाइनों में इस गर्मी और उमस में रात तक खड़े रहते है और खाद न मिलने से निराश होकर रात को अपने घर वापस लौटते है। संपत सिंह ने गुरुवार काे कहा कि खाद नहीं मिलने से किसानों को पैक्स से बैरंग लौटना पड़ा है। यह क्रम कई दिनों से चल रहा है। कई जगह किसान संगठनों ने मजबूर होकर धरने दिए, सरकार के खिलाफ नारे लगाए और गांव-गांव में पिछले सप्ताह सरकार के पुतले भी जलाए है, कई जगह किसानों ने रास्ते भी जाम किए है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा खाद की कमी न होने की रट लगाए हुए हैं लेकिन हरियाणा के पुरुष व महिला किसान डीएपी और यूरिया खाद के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। कृषि मंत्री का यह बयान बहुत ही हास्यास्पद है। मंत्री शायद खाद की कमी से इसलिए नकार रहे हैं कि सरकार के चहेते व्यापारियों के गोदामों में खाद की कमी नहीं है। ऐसे सरकारी व्यापारी कालाबाजारी में किसानों को एक बैग दो हजार रुपये में बेच रहे है। किसान संगठनों ने कई जगह जाकर कई खाद्य विक्रेताओं के गोदामों में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता को खाद की कालाबाजारी करते हुए पकड़वाया है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री कालाबाजारी को खत्म करके किसानों को जरूरत अनुसार सीधे खाद उपलब्ध करवायें। यदि खाद नहीं मिली तो फसलें खराब हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसान खेतों में जलभराव की समस्या से परेशान है। बरसात की अधिकता से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। सरकार को जल भराव से बर्बाद हुई फसल का गिरदावरी करवाकर के उचित मुआवजा देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर