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गांधीनगर, 24 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सरहद पर विकास के संकल्प के सूर्योदय के साथ गुरुवार को सीमावर्ती सुईगाम-नडाबेट से 358.37 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर बनासकांठा जिले को विकास कार्यों की सौगात दी।
सीमावर्ती क्षेत्र के विकास की नई राह के साथ उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास किया और 55.68 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दुनिया में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने का काम किया है। आज देश के साथ-साथ गुजरात ने भी सर्वांगीण विकास किया है। राज्य सरकार ने अंतिम व्यक्ति की चौखट तक पहुंचकर उसे विभिन्न योजनागत लाभ प्रदान किए हैं। आज व्यापार-रोजगार, सड़क, बिजली, पानी और उद्योगों के माध्यम से अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया हैं तथा नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आने वाली पीढ़ी की चिंता करते हुए ‘कैच द रेन’ और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे राष्ट्रव्यापी अभियान चलाकर ग्लोबल वॉर्मिंग से बाहर निकलने की दिशा दिखाई है।
सरकार ने ‘पहला सुख निरोगी काया’ यानी लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योगा से लेकर आयुष्मान कार्ड तक, अनेक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। गुजरात में नागरिकों को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है और हर साल 7000 से अधिक डॉक्टर तैयार हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रत्येक जिले से 75 अमृत सरोवर बनाने का आह्वान किया था। आज प्रत्येक जिले में 75 से अधिक अमृत सरोवर बन चुके हैं। ‘कैच द रेन’ अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार ने बनासकांठा में 50 हजार रिचार्ज कुएं बनाने की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री ने बनास डेयरी के सहयोग से आज लगभग 30 हजार रिचार्ज कुओं का निर्माण पूरा होने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में सुनिश्चित किए गए सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन से गुणवत्तापूर्ण और योजनाबद्ध तरीके से काम संपन्न हो पाए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनासकांठा जैसे सीमावर्ती जिले में अनेक विकास कार्यों की भेंट दी है। कभी जो सूखा रण क्षेत्र था, वह आज पर्यटन का केंद्र बन गया है। सरकार ने सीमावर्ती रण क्षेत्र तक पानी पहुंचाकर किसानों के कल्याण के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नए वाव-थराद जिले को स्वीकृति मिली है। सरकार ने हरेक तहसील को जीआईडीसी (औद्योगिक क्षेत्र) की सौगात दी है, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो रही है।
चौधरी ने कहा कि सरकार ने डीसा, दियोदर, लाखणी और कांकरेज जैसी तहसीलों में पाइपलाइन और नहरों के जरिए तालाबों तक पानी पहुंचाया है। राज्य सरकार ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की है। शाला प्रवेशोत्सव, कन्या केळवणी और गुणोत्सव जैसी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा माने जाने वाले बनासकांठा जिले का कलंक दूर हुआ है। आज गर्व के साथ कह सकते हैं कि इस वर्ष कक्षा 10 और 12 के नतीजों में बनासकांठा जिला पूरे राज्य में पहले स्थान पर रहा है।
बनासकांठा जिले के प्रभारी और उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि सरकार की अनेक योजनाओं के चलते गुजरात आज देश में विकास का रोल मॉडल बन गया है। लोगों की प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। बजट में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने पिछले तीन वर्षों में बनासकांठा जिले को 7200 करोड़ रुपए से अधिक की राशि आवंटित की है। बनास डेयरी के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
इस अवसर पर जय भोले ग्रुप, अहमदाबाद की ओर से मुख्यमंत्री को 51 शक्तिपीठ की मिट्टी से बनी प्रतिकृति और श्री यंत्र भेंट किया। नवगठित वाव-थराद जिले की सौगात के लिए नागरिकों ने मुख्यमंत्री का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। वाव के विधायक स्वरूपजी ठाकोर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में विधायक सर्व स्वरूपजी ठाकोर, प्रणीणभाई माळी, अनिकेतभाई ठाकर, केशाजी चौहाण, मावजीभाई देसाई, जिला कलेक्टर मिहिर पटेल, जिला विकास अधिकारी एम.जे. दवे, जिला पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाणा, अग्रणी कीर्तिसिंह वाघेला और कनुभाई व्यास सहित संबंधित विभाग के अधिकारी, पदाधिकारी, बीएसएफ के जवान और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad