Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
- डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में अधोसंरचना विकास से मिलेगा शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को बढ़ावा
गुवाहाटी, 24 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के लिए कुल 146.43 करोड़ रुपये की अधोसंरचना विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं पीएम-उषा योजना और मुख्यमंत्री विशेष अनुदान के तहत शुरू की गई हैं।
पीएम-उषा योजना के अंतर्गत 70.94 करोड़ रुपये की लागत से छात्राओं के लिए 176-बेड का छात्रावास, एक अकादमिक भवन, एक अनुसंधान केंद्र, एक इनक्यूबेशन सेंटर, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री विशेष अनुदान के अंतर्गत 75.49 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 324-बेड की छात्रावास, आंतरिक सड़कों की मरम्मत एवं विस्तार, टाइप-IV श्रेणी के 16 क्वार्टर वाले आवासीय भवन, सिंथेटिक ट्रैक के साथ खेल परिसर, जिम का विकास समेत अन्य कार्य शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य विश्वविद्यालय की अधोसंरचना को आधुनिक और समावेशी बनाकर शैक्षणिक, शोध एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्नत अधोसंरचना से सीखने का माहौल, छात्रावास, प्रयोगशालाएं एवं पहुंच की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा और विश्वविद्यालय वैश्विक शैक्षणिक मानकों को प्राप्त कर सकेगा।
डॉ. सरमा ने कहा कि 1965 में स्थापित डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय ने बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देते हुए एक अग्रणी शोध-आधारित संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इसलिए इसकी अधोसंरचना को सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के तीसरे चरण के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजनाएं राज्य सरकार की विचाराधीन हैं और जल्द ही इन पर कार्य आरंभ किया जाएगा। साथ ही, राज्य के सभी नवस्थापित विश्वविद्यालयों को 50-50 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है, जिनमें से कई में अधोसंरचना कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि गौहाटी विश्वविद्यालय के लिए 200 करोड़ रुपये की विकास परियोजना प्रारंभ की गई है, वहीं बोडोलैंड विश्वविद्यालय का एक नया परिसर उदालगुड़ी में तथा बराक घाटी में एक नया राज्य विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम की भौगोलिक स्थिति और मानव संसाधन की क्षमता राज्य और क्षेत्र के विकास को तेज़ी से आगे बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य की औसत आयु 22 वर्ष है, जबकि राष्ट्रीय औसत 27.5 वर्ष है। इस जनसांख्यिकीय लाभ को देखते हुए, उन्होंने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की कि वे इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप पाठ्यक्रमों को अपनाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह दिशा अपनाई जाती है, तो असम का मानव संसाधन आशियान, बीबीएन देशों समेत वैश्विक स्तर पर रोजगार की बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों से अपील की कि वे स्वयं को पुनर्परिभाषित करें और विकसित भारत की आवश्यकताओं के अनुसार दक्ष मानव संसाधन तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश के विकास का नेतृत्व दक्षिण और पश्चिम भारत ने किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब पूर्वोत्तर भारत भी इस विकास यात्रा में योगदान दे रहा है। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अत्याधुनिक तकनीक पर शोध को प्रोत्साहित कर इस विकास यात्रा में सहायक बनें।
इस अवसर पर डॉ. सरमा ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के डायमंड जुबली थीम सॉन्ग का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, उद्योग मंत्री बिमल बोरा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रशांत फूकन, कुलपति प्रो. जीतन हजारिका समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश