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अजमेर, 24 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान के प्रमुख जलस्रोत बीसलपुर बांध ने इस वर्ष मानसून की शुरुआती बारिश में ही अपनी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 मीटर को लगभग छू लिया है। गुरुवार सुबह 10 बजे बांध का जलस्तर 315.49 मीटर दर्ज किया गया। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बनास नदी से जुड़े 68 गांवों में पानी की निकासी को लेकर मुनादी कराई गई है और ग्रामीणों को सतर्क किया गया है कि वे नदी किनारे न जाएं।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, बांध का जलस्तर अधिकतम 315.50 मीटर तक बनाए रखा जाएगा। जैसे-जैसे पानी की आवक होगी, उसी अनुरूप गेट खोलकर जल निकासी की जाएगी। बांध के स्रोत त्रिवेणी पर इस समय 2.90 मीटर ऊंची चादर चल रही है, जिसे ध्यान में रखकर पानी छोड़ा जाएगा। जल निकासी की प्रक्रिया के शुभारंभ अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, क्षेत्रीय विधायक राजेन्द्र गुर्जर, अजमेर कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। पिछले वर्ष बीसलपुर बांध 6 सितंबर को ओवरफ्लो हुआ था, जबकि इस वर्ष 24 जुलाई को ही यह पूरी तरह भर चुका है। यानी इस बार बांध लगभग डेढ़ माह पहले ही भर गया है। अधिकारियों के अनुसार, बीसलपुर से जुड़े अजमेर, जयपुर और टोंक जिलों में अब अगले दो वर्षों तक पेयजल संकट नहीं होगा।
बीसलपुर से 90 किलोमीटर दूर स्थित ईसरदा बांध में इस बार पहली बार ओवरफ्लो जल का संग्रहण किया जाएगा। हालांकि अभी ईसरदा में जल भंडारण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जल संसाधन विभाग के अनुसार, 30 जुलाई से संग्रहण प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
मुख्य अभियंता (जनरल) भुवन भास्कर ने बताया कि बीसलपुर से पानी ईसरदा तक पहुंचने में करीब 14 घंटे लगेंगे। जब तक संग्रहण शुरू नहीं होता, तब तक यह पानी निकलकर बहता रहेगा। ईसरदा बांध से दौसा जिले के 1000 से अधिक गांवों और सवाई माधोपुर के 177 गांवों में पेयजल आपूर्ति की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने बांध के भरने पर खुशी जताई है और कहा कि “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर इंद्रदेव की विशेष कृपा है, जिसके चलते प्रदेश के प्रमुख जलस्रोत भरने की स्थिति में हैं।” उन्होंने बताया कि इस वर्ष रामसेतु लिंक परियोजना के अंतर्गत भी अनेक बांधों को जलापूर्ति की जा रही है। इससे आगामी दिनों में प्रदेश में पेयजल की कोई कमी नहीं रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष