बिहार की जीएसडीपी में 14.47 प्रतिशत की वृद्धि : सीएजी
सीएजी अधिकारी रिपोर्ट की कॉपी वित्त मंत्री सम्राट चौधरी को देते


पटना, 24 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधानमंडल में मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को भी जमकर हंगामा हुआ। इस बीच नियंत्रक-महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लेखापरीक्षा प्रतिवेदन बिहार विधानमंडल (विधानसभा-विधान परिषद) में प्रस्तुत किया। इसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पिछले वर्ष की तुलना में 14.47 प्रतिशत बढ़ी।

सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य के राजस्व व्यय में विगत वर्ष की तुलना में 3.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राजस्व प्राप्तियों में विगत वर्ष की तुलना में 11.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य की देनदारियों में विगत वर्ष की तुलना में 12.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई। राज्य की कुल बकाया देनदारियों में आंतरिक ऋण का योगदान 59.26 प्रतिशत था। आंतरिक ऋण के तहत निवल देनदारियों (कुल देनदारियों में से उसकी कुल संपत्तियों को घटाने के बाद बची हुई राशि) में विगत वर्ष की तुलना में 13.51 प्रतिशत करीब 28,107.06 करोड़ की वृद्धि हुई है।

सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य ने विगत वर्ष के 11,288.20 करोड़ के राजस्व घाटा के तुलना में 2,833.06 करोड़ का राजस्व अधिशेष दर्ज किया। राज्य का राजकोषीय घाटा वर्ष 2022-23 में 44,823.30 करोड़ से घटकर वर्ष 2023-24 में 35,659.88 रहा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सका। इसकी वजह से बकाया देनदारियों का जीएसडीपी से अनुपात आयोग द्वारा निर्धारित स्तर के अधीन रहा।

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान, पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व प्राप्तियों में 20,659 करोड़ (11.96 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। इसी प्रकार, केंद्रीय करों एवं शुल्कों में राज्य के हिस्से और स्व-कर राजस्व का योगदान पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 18.95 प्रतिशत (18,094 करोड़) और 9.87 प्रतिशत (4,343 करोड़) बढ़ा। इसके अलावा, गैर-कर राजस्व में 27.14 प्रतिशत (1,122 करोड़) की वृद्धि हुई। केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान में पिछले वर्ष की तुलना में 9.99 प्रतिशत (2,900 करोड़) की कमी आई। वर्ष 2023-24 की अवधि के दौरान पूंजीगत प्राप्तियां भी विगत वर्ष की तुलना में 48,325 करोड़ से बढ़कर 60,314 करोड़ हो गई।

राज्य के पूंजीगत प्राप्तियों में 49,546 करोड़ की राशि का आंतरिक ऋण प्रमुख योगदानकर्ता (82.15 प्रतिशत) था। वर्ष 2023-24 के दौरान, राज्य सरकार के कुल व्यय को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष की तुलना में अतिरिक्त निधि (24.72 प्रतिशत वृद्धि) ऋण के रूप में लेना पड़ा। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक जीएसडीपी के सापेक्ष राजस्व व्यय 2019-20 के 1,26,017 करोड़ (जीएसडीपी का 21.66 प्रतिशत) से बढ़कर 2023-24 के 1,90,514 करोड़ (जीएसडीपी का 22.30 प्रतिशत) हो गया। हालांकि, कुल व्यय के सापेक्ष राजस्व व्यय उसी अवधि में 90.67 प्रतिशत से घटकर 83.16 प्रतिशत हो गयी ।

ब्याज भुगतान, वेतन और पेंशन सहित प्रतिबद्ध व्यय 2023-24 के दौरान राज्य के राजस्व व्यय के 36.89 प्रतिशत और राजस्व प्राप्तियों के 36.35 प्रतिशत थे। प्रतिबद्ध व्यय 8.86 प्रतिशत के औसत दर से 2019-20 में 48,477.72 करोड़ से 2023-24 में 70,282.32 करोड़ हो गया। वर्ष 2019-20 से 2023-24 की अवधि में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में पूंजीगत व्यय 2.11 प्रतिशत से बढ़कर 4.27 प्रतिशत हो गया है। इसमें पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष 4,933.82 करोड़ (15.65 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी