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रोहतक, 24 जुलाई (हि.स.)। पीजीआई के एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। जयपुर की एक फर्म का नाम भी सामने आया है, जिसके अधिकारी ने एक छात्रा से रिजल्ट में हेराफेरी के लिए पैसे लिए थे। पुलिस इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब पुलिस टीम ने मामले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए राजस्थान के जयपुर से इस बारे में इनपुट मांगा है।
पीजीआई में हुए एमबीबीएस घोटाले को लेकर पुलिस टीम ने जयपुर में दबिश दी थी, लेकिन को खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि रिजल्ट बदलवाने के लिए पैसों का लेन-देन हुआ है। जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय की गोपनीयता शाखा से आंसर सीट बाहर लाई गई और उन्हें दोबारा लिखा गया।
इसके अलावा रिजल्ट घोषित होने से पहले छात्रों के अंक बढ़ाने के लिए पुरस्कार सूचियों से छेड़छाड की गई और इसके लिए मोटी रकम वसूली गई। बताया जा रहा है कि अब इस मामले में गिरफ्तार कर्मचारी बलराम सिंह को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। घोटाले को लेकर 41 कर्मचारियों व इससे जुडे़ लोगों के नाम सामने आए थे, जिस पर पुलिस ने एक निजी कॉलेज के 24 एमबीबीएस छात्रों व 17 यूएचएसआर के कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जांच अधिकारी बिजेंद्र सिंह कहना है कि मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिल