भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की सदस्यता हुई बहाल
भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की फोटो


पटना, 24 जुलाई (हि.स.)। बिहार में दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मिश्रीलाल यादव की सदस्यता बहाल कर दी गई है।

मिश्रीलाल यादव ने मारपीट के मामले में दो साल की सजा होने के बाद अपनी विधायकी गवां दी थी।

पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने फिर से सदस्यता बहाल करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को पत्र लिखा। उन्होंने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा है कि पटना हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल चुकी है ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता को फिर से बहाल किया जाए। उनकी अर्जी स्वीकार कर ली गयी है। मिश्री लाल यादव की सदस्यता फिर से बहाल की गयी है।

इसे लेकर बिहार विधान सभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की है।

अधिसूचना में लिखा हुआ है कि सर्वसाधारण की जानकारी के लिए यह प्रकाशित किया जाता है कि बिहार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या-81, अलीनगर से निर्वाचित माननीय सदस्य मिश्री लाल यादव को विशेष न्यायालय एमपी/ एमएलए, दरभंगा द्वारा अपील वाद संख्या-06/2025 में दिनांक-27.05.2025 को पारित न्याय निर्णय के तहत दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाये जाने के कारण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-8 के आलोक में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।

उनकी सदस्यता समाप्ति एवं विधान सभा क्षेत्र संख्या-81, अलीनगर की रिक्ति के संबंध में बिहार विधान सभा सचिवालय द्वारा अधिसूचना संख्या-विस (का.)-06/2022-1409, दिनांक-20.06.2025 जारी की गई थी ।

अब दिनांक-18.07.2025 को पटना हाईकोर्ट द्वारा क्रिमीनल रिवीजन संख्या.-556/2025 (मिश्री लाल यादव एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य) में पारित न्याय निर्णय के द्वारा विशेष न्यायालय के उपर्युक्त वर्णित न्यायादेश को निरस्त कर दिया गया है, जिस कारण मिश्री लाल यादव की दोषसिद्धि एवं दंडादेश निरस्त हो गयी है। अतः सभा सचिवालय द्वारा निर्गत पूर्वादेश अधिसूचना संख्या-विस (का)-06/2022-1409, दिनांक-20.06.2025 को निरस्त करते हुए मिश्री लाल यादव की सदस्यता पूर्ववर्ती प्रभाव से बहाल की जाती है। इसके मुताबिक सप्तदश बिहार विधान सभा के सदस्यों की सूची को इस हद तक संशोधित समझा जाय ।

उल्लेखनीय है कि पूरा मामला साल 2019 का है। समैला के रहने वाले उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को मारपीट का आरोप लगाते हुए थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने 17 अप्रैल 2020 को मामले पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने भाजपा विधायक मिश्री लाल को दोषी करार देते हुए तीन महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। बाद में कोर्ट ने इसी मामले में मिश्रीलाल यादव और सह-आरोपी सुरेश यादव को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई थी।

दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा स्पीकर ने मिश्रीलाल की सदस्यता को रद्द कर दिया था और उन्हें अयोग्य करार दिया था।

इस फैसले को चुनौती देते हुए मिश्रीलाल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से कोर्ट ने उन्हें दोष मुक्त कर दिया। अब जब हाई कोर्ट से मिश्री लाल को राहत मिल गई है तो एक बार फिर से विधायकी बहाल कराने के लिए उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर इसे विपक्ष की साजिश करार दिया था। उनकी बातें सुनने के बाद सदस्यता बहाल किये जाने को लेकर बिहार विधानसभा सचिवालय ने आज अधिसूचना जारी कर दी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी