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अयोध्या, 24 जुलाई (हि.स.)। रामनगरी की प्रतिष्ठित पीठ कुशवाहा मंदिर ऋणमोचन घाट का नया महंत सनत कुमार दास काे बनाया गया। गुरुवार काे मठ प्रांगण में महंताई समाराेह का आयाेजन किया गया। महंताई समाराेह के दरम्यान अयाेध्याधाम के विशिष्ट संत-महंत, धर्माचार्याें ने साधुशाही परंपरानुसार सनत कुमार दास काे कंठी, चादर, तिलक देकर महंती की मान्यता प्रदान किया। आश्रम गद्दी पर अपनी ताजपाेशी से नवनियुक्त महंत बहुत ही अभिभूत दिखे। नवनियुक्त महंत सनत कुमार दास ने कहा कि अयोध्यानगरी के संत-महंत एवं धर्माचार्याें ने उन्हें कंठी, चादर तिलक देकर कुशवाहा मंदिर का नया महंत बनाकर आश्रम की बागडाेर साैंपी है। उन्हें जिस पद की बागडोर संताें ने साैंपी है, उस पर वह अक्षरश: खरा उतरेंगे। उनके द्वारा ऐसा काेई कार्य नहीं किया जायेगा, जिससे महंत पद और मंदिर की प्रतिष्ठा धूमिल हाे। मठ का सर्वांगीण विकास करेंगे। मंदिर में भगवान की सेवा संग गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक सेवा सुचार रूप से चलती रहेगी। सभी उत्सव, समैया, त्याेहार आदि परंपरागत रूप से मनाया जाता रहेगा। अंत में नये महंत सनत कुमार दास ने पधारे हुए संत-महंत, धर्माचार्यों का अंगवस्त्र ओढ़ा एवं भेंट, विदाई देकर स्वागत-सत्कार किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत-महंत, धर्माचार्य और भक्तजनों द्वारा प्रसाद ग्रहण किया गया। महंताई समाराेह में मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, दशरथ महल विंदुगद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य, महापाैर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, बड़ाभक्तमाल पीठाधीश्वर महंत स्वामी अवधेश कुमार दास, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, बावन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभ शरण, निर्वाणी अनी के महासचिव नागा नंदराम दास, वेदमंदिर के श्रीमहंत रामनरेश दास, दिगंबर अखाड़ा के उत्तराधिकारी महंत रामलखन दास, श्रीरामाश्रम के पीठाधिपति महंत जयराम दास वेदांती, सरयूकुंज पीठाधीश्वर महंत राममिलन शरण, रामकृष्ण मंदिर के महंत महामंडलेश्वर गणेशानंद दास, परमहंस आश्रम के महंत गाेविंद दास, जायसवाल मंदिर के महंत श्यामसुंदर दास, सार्वभाैम दार्शनिक आश्रम के महंत जनार्दन दास, बधाई भवन के महंत राजीवलाेचन शरण, महंत विमल कृष्ण दास, महंत गंगादास, महंत मनमोहन दास, महंत अंजनी शरण, भाजपा नेता शक्ति सिंह, पार्षद अनुज दास, दीपक दास, पार्षद प्रतिनिधि प्रियेश दास आदि समेत संत-महंत, धर्माचार्य व मंदिर से जुड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर सम्मिलित हुए।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय