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मंडी, 24 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला के सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना चरण-तीन, 382 मेगावाट के तहत परियोजना स्तरीय पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन समिति की बैठक का आयोजन आज एसडीएम सभागार करसोग में किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने की। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार और परियोजना के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उपायुक्त ने परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को मिलने वाली विभिन्न सुविधाएं समय पर प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रभावितों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उपायुक्त ने परियोजना के कारण प्रभावित होने वाली पंचायतों के अंतर्गत आने वाले सभी परिवारों की वर्तमान स्थिति, रोजगार के अवसर तथा पुनर्वास के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति के अंतर्गत सभी पात्र लाभार्थियों को पूर्ण पारदर्शिता से और समयबद्ध लाभान्वित करना सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त ने परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी को भी निर्देश दिए कि वे स्थानीय समुदाय के साथ निरंतर संवाद बनाए रखें और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करें। अपूर्व देवगन ने कहा कि परियोजना के सफल क्रियान्वयन के साथ-साथ प्रभावित लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना प्रशासन व सरकार की प्राथमिकता है।
उपायुक्त ने परियोजना प्रभावित परिवारों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे कि आजीविका के साधन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में प्रधान ग्राम पंचायत परलोग गायत्री देवी, प्रधान ग्राम पंचायत सरत्योला तिलक राज, रोशनी देवी प्रधान ग्राम पंचायत बिंदला, पंचायत समिति सदस्य माहूंनाग मीना कुमारी, एसडीएम करसोग गौरव महाजन, तहसीलदार करसोग वरुण गुलाटी, नायब तहसीलदार शांता शुक्ला, बीडीओ करसोग सुरेंद्र ठाकुर, हेड ऑफ प्रोजेक्ट (सुन्नी डैम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट) राजीव अग्रवाल, भू अर्जन अधिकारी सुन्नी डैम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट अश्वनी सूद, मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक शाखा करसोग कॉल राम सहित अन्य अधिकारी व प्रभावित समिति के विभिन्न सदस्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा