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पटना, 24 जुलाई (हि.स.)। चुनाव आय़ोग के वोटर लिस्ट रिवीजन (एसआईआर) के खिलाफ बयानबाजी करने और राजद-कांग्रेस के सुर में सुर मिलाने वाले जदयू सांसद गिरधारी यादव के मामले में पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। नाेटिस में उनसे 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
बीते सोमवार को बांका से जदयू सांसद गिरधारी यादव ने कहा था कि चुनाव आयोग को बिहार के इतिहास और भूगोल का ज्ञान नहीं है। उन्होंने वोटर लिस्ट रिवीजन का विरोध करते हुए इसे रोकने की मांग की थी। गिरधारी यादव ने कहा था कि यह (एसआईआर) हम पर जबरदस्ती थोपा गया है। इसके लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था।
गिरधारी यादव के इस बयान से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नाराज हैं और जदयू ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान की ओर से गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनसे 15 दिनों में जवाब मांगा गया है।
पार्टी ने अपने नोटिस में अखबारों में छपे गिरधारी यादव के बयान की कॉपी को संल्गन कर कहा है कि आपने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा बिहार में किए जा रहे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' पर अपनी राय व्यक्त की है। आप भली-भांति जानते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया है।
नोटिस में कहा गया है कि आप यह भी जानते हैं कि कुछ विपक्षी दल, अपने चुनावी परिणामों से हताश होकर, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे पर विशेष रूप से चुनाव आयोग को बदनाम करने के लिए एक सतत अभियान चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य संवैधानिक संस्था की कार्यप्रणाली पर जनता में संदेह पैदा करना है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड), ने हमेशा निर्वाचन आयोग और ई वी एम के उपयोग का समर्थन किया है- चाहे वह इंडिया गठबंधन में रहे हों या अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनकर।
सांसद गिरधारी यादव को भेजे गये नोटिस में जदयू ने कहा कि चुनावी वर्ष में आपके द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे पर की गई सार्वजनिक टिप्पणी न केवल पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी है बल्कि अनजाने में विपक्ष द्वारा लगाए गए आधारहीन और राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों को भी विश्वसनीयता प्रदान करती है।
नोटिस में कहा गया है कि जनता दल (यूनाइटेड) गिरधारी यादव की बयानबाजी को अनुशासन की चूक और पार्टी की घोषित नीति के विपरीत मानता है। अतः वे इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर कारण स्पष्ट करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी