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-संत नामदेव महाराज के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाएगा
मुंबई, 23 जुलाई (हि.स.)। ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को सोलापुर के पंढरपुर में कि कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा में लाने और अपनी लेखनी और वाणी से भागवत धर्म के विचारों को पूरे देश में फैलाने वाले पंढरपुर स्थित संत नामदेव महाराज के मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस पंढरपुर में आयोजित श्री संत शिरोमणि नामदेव महाराज, परिवार और संत जनाबाई के 675वें संजीव समाधि समारोह में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, गुरु गोविंद सिंह और संत कबीर ने संत नामदेव का बड़े आदर से उल्लेख किया है। मीराबाई और नरसी मेहता के काव्य में भी नामदेव महाराज के विचार देखे जा सकते हैं। उन्होंने भारत की सभी दिशाओं को जोडऩे और भगवद धर्म के विचारों को सही मायने में सार्वभौमिक बनाने का कार्य किया। नामदेव महाराज ने सामाजिक समरसता का ताना-बाना बुनने, पूरी व्यवस्था को बदलने और समाज को एकता का मूल्य देने का कार्य किया। संत कबीर, दादू, गरीबदास ने संत नामदेव से प्रेरणा ली। संत के ये विचार हमारी संत भूमि में अभंगों के माध्यम से हम तक पहुँचे हैं। संत नामदेव महाराज ने देश के 22 राज्यों का भ्रमण कर भगवद धर्म के विचारों का प्रसार किया। विदेशी आक्रमण के दौरान उन्होंने समाज में आस्था जगाने और समाज को जागृत करने का कार्य किया। संत ज्ञानेश्वर महाराज ने भगवद्गीता की गंगा का मराठी में अनुवाद किया और वे नामदेव महाराज के दर्शन से प्रेरित थे। इन दोनों संतों के मिलन को वारकरी संप्रदाय में अमूल्य विचारों के संगम के रूप में देखा जाता है। संत नामदेव न केवल वारकरी थे, बल्कि भारतीय संस्कृति की एकता के भी पुरोधा थे। उन्होंने भाषा की बाधाओं को तोड़ा, सीमाओं की बाधाओं को तोड़ा और भक्ति की धारा को संपूर्ण भारत में प्रवाहित करने का कार्य किया। पंढरपुर की अपनी ऐतिहासिक तीर्थयात्रा के समापन पर उन्होंने सभी को भोज में एकत्रित कर संपूर्ण समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।
इस अवसर पर पालकमंत्री जयकुमार गोरे, विधायक समाधान अवताड़े, विधायक अभिजीत पाटिल, विधायक रणजीतसिंह मोहिते पाटिल, विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, श्री नामदेव क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष महेश धवले आदि उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव