रीढ़ की हड्डी में चोट से जूझ रहे मरीज की नई तकनीक से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में हुई सफल सर्जरी
एसआरएन में हुई जटिल सर्जरी का छाया चित्र


एसआरएन में हुई जटिल सर्जरी का छाया चित्र


प्रयागराज, 23 जुलाई (हि.स.)। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एक बार फिर रीढ़ की जटिल सर्जरी करने में बुधवार को चिकित्सकों की टीम को कामयाबी मिली है। अस्पताल में भर्ती मरीज की रीढ़ की हड्डी को स्थिर करने के लिए न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) पेडिकल स्क्रू फिक्सेशन तकनीक का प्रयोग किया गया, जो आधुनिक रीढ़ शल्य चिकित्सा की एक प्रमुख तकनीक है। यह जानकारी डॉ. सचिन यादव ने दी।

उन्होंने बताया कि 27 वर्षीय इमरान अली, जो डी12 कशेरुका में वेज कम्प्रेशन फ्रैक्चर से पीड़ित थे। जिन्हें परिवार के लोगों ने एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया है। जिनका ऑपरेशन डॉ सचिन यादव (एम.एस.) की देखरेख में सफलता पूर्वक किया गया।

डॉ. यादव ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि एमआईएस तकनीक में पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में बहुत छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे मांसपेशियों को कम नुकसान होता है, खून की कमी कम होती है और रोगी तेजी से ठीक होता है। फ्लोरोस्कोपी (एक्स-रे इमेजिंग) की सहायता से स्क्रू को अत्यंत सटीकता से कशेरुका में डाला जाता है। इसके बाद रॉड लगाकर रीढ़ की हड्डी को स्थिर किया जाता है।

यह तकनीक मुख्यतः रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर, स्कोलियोसिस (कशेरुका की वक्रता), व क्षयकारी रोगों (अपक्षयी स्थितियां) के लिए उपयोग में लाई जाती है। एमआईएस पद्धति के माध्यम से रोगियों को पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द, कम जोखिम और तेज़ रिकवरी का लाभ मिलता है।

इस सफलता पर प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. वी.के. पांडेय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, हमारी टीम द्वारा की गई यह जटिल सर्जरी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं का प्रमाण है। स्वरूप रानी अस्पताल लगातार उन्नत तकनीकों को अपनाकर मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान कर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल